*तुलना अपराध एवं अपराधी की फिर कार्यवाही में भेदभाव क्यों*

 


*अजय राज केवट*

*प्रखर न्यूज़ व्यूज एक्सप्रेस भोपाल*

राजगढ़ पढ़ाना 1   महाराष्ट्र का सचिन  बाजे

राज्य पुलिस में निरीक्षक के पद पर तैनाती के समय किए गए अपराधिक कृत्य के कारण राज्य उजागर हुए बाहुबली सत्ताधारीयो की छत्रछाया में पनपा और अंत हुआ ।  राज्य शासन एवं केंद्र की सत्ता में मतभेद एवं दखल से जेल पहुंचे हैं

1 मध्य प्रदेश मालवा का ए चुरामन

यह श्रीमान राजस्व विभाग में तहसीलदार के पद पर तहसील पचोर जिला राजगढ़ ब्यावरा मध्य प्रदेश में तैनात है। पिछला चिट्ठा मैं पुलिस थाना नरसिंहगढ़ जिला राजगढ़ ब्यावरा मध्य प्रदेश में अपराध क्रमांक 135/017  धारा 420  467 668 471 भा. द. वि  में इनके विरुद्ध अपराध पंजीबद्ध है माननीय न्यायालय में प्रकरण चल रहा है इनकी गिरफ्तारी नहीं हुई है प्रकरण राज्य शासन से चलाने की अनुमति मांगी गई है अभी तक 3 साल से अनुमति नहीं मिलना इनके दबदबा को उजागर कर रहा है।

2  साथी की हत्या कर साक्ष्य मिटाना अपने बचाव में यह कृत्य कर कदम बढ़ाते कानून को चुनौती देना भारी पड़ा। क्योंकि हर कृत्य देशभक्ति जन सेवा के विरुद्ध आपराधिक किया

2  इनके प्रकरण में भी अपराध के साथ रहने वाला राजेंद्र धुर्वे पटवारी की मौत भी संदिग्ध जनक परिस्थिति में जेल में हुई है। उक्त व्यक्ति नहीं अवैध लेनदेन के राज खोले थे।  लगता है साक्ष्य मिटा दिया गया है अभी दबदबा कायम है

3  पेपर मीडिया ने काफी हद तक सत्यराज खोलें और अपना दायित्व निभाया तब प्रशासन सक्रिय हुआ और प्रशासन की कार्यप्रणाली को उजागर कर कर्तव्य का पालन किया उनको शत शत नमन  सचिन भाई जी मैं सत्ताधरियो की सेवा एवं छत्रछाया में अनैतिकता से धन लूटा उनको बैठकर जश्न मनाया हत्या कर साक्ष्य मिटाया एवं  ऐसे जघन्य अपराध करने वाले का अंत भी उचित विधि सम्मत हुआ

3  पेपर पत्रिका के संवाददाता ने सत्य ही मान के साथ कदम बढ़ाया दिनांक 3:04 2021 को दैनिक पत्रिका ब्यावरा के अंक में छपा है। परंतु कोई प्रतिक्रिया प्रशासन की ओर से नहीं आई ना विधि सम्मत कोई कार्यवाही नहीं की अपराधी को  बचाओ में दूषित नीति देखी गई मीडिया समय के इंतजार में है निगाह जमी हुई है अंत का समय आ रहा है

 यह कृत्य श्री ए चुरामन साहब ने किया अनैतिकता से धन निडरता के साथ दंभ से ओत प्रोत छत्रछाया से कमाया गरीबों को कष्ट देकर सत्य न्याय पद गरिमा को जमींदोज कर जश्न मनाया । न्यायलीन मामलों में भी दखल देना हौसला इजाफा किया अभ्यस्ता युक्त कार्यप्रणाली अपनाना ही नियम समझा।  दोनों अपराधियों के अपराध एक समान एक ही उद्देश्य से किया गया । सचिन बाजे के विरुद्ध अपराध में  तुरंत राज्य से अनुमति मिली परंतु आरोपी ए चुरामन के विरुद्ध अनुमति नहीं मिली अनेक शंकाओ को तो जन्म देती है।  राज्य शासन की कार्यप्रणाली पर दोषपूर्ण नीति होने का सवाल उठता है कि अनदेखी क्यो, अपराधिक प्रवृत्ति का जन्म क्यों ? क्षमा, बरी , सजा आदि करना हमारी न्याय व्यवस्था में  न्यायालय को अधिकार है हमें विश्वास है इससे प्रशासन दूषित मंशा से रोक लगाना है तो परिणाम प्रजातंत्र की व्यवस्था ना होकर भयतंत्रीय (राजतंत्रीय) व्यवस्था कायम होने का अभास होने लगता है दोनों अपराधियों ने एक जैसा तरीका अपनाकर जघन्य अपराध किए हैं एक  की गति हुई है चापलूस बच रहा है सत्य ईमान मानव धर्म अनुसार प्रजातंत्र में इनका  साथ सबका विश्वास सबका विकास  जब भी संभव होगा जब न्याय प्रणाली  मैं समानता होगी जब इसमें भेद कर कुचक्र  चलाकर मिटाना,  ''फसल /ओला" सा ह्रास होगा स्वतंत्र राज्य सत्ता न्याय पर आधारित है मुखिया का भी यही संदेश है आशा है न्याय हित में अपराधी के विरुद्ध न्यायालय में प्रकरण चलाने की अनुमति प्रदान करेंगे  इस ओर आस संजोये दुखी जन मानस की न्यायिक भावना का आदर करते भविष्य को सजोएँगे  जय भारत

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