अनाथ बच्चों की मदद: प्रशांत किशोर ने की कड़ी आलोचना, बोले- अभी मदद की जरूरत, वयस्क होने पर नहीं


 कोरोना के चलते अनाथ हुए बच्चों की पढ़ाई में मदद की घोषणा की चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने कड़ी आलोचना की है। उन्होंने पीएम मोदी द्वारा किए गए ट्वीट पर जवाबी ट्वीट से हमला किया

कोरोना के कारण अनाथ हुए बच्चों की पढ़ाई आदि में पीएम केयर्स फंड से मदद की पीएम नरेंद्र मोदी की घोषणा की चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने आलोचना की है। प्रशांत किशोर ने कहा कि बच्चों को अभी मदद की जरूरत है, न कि वयस्क होने पर।

पीएम की घोषणा पर सवाल उठाते हुए रविवार को प्रशांत किशोर ने ट्वीट कर केंद्र द्वारा कोविड-19 के चलते माता-पिता को खो चुके बच्चों की मदद का प्रस्ताव की आलोचना की। उन्होंने कहा कि सरकार के कुप्रबंधन के कारण ये हालात पैदा हुए।

उन्होंने कहा कि सरकार अनाथ बच्चों को 18 साल के होने पर मुफ्त शिक्षा व स्टायपंड देगी, जबकि उन्हें अभी मदद मिलनी चाहिए, न कि वे वयस्क हो जाएं उसके बाद। मुफ्त शिक्षा का अधिकार तो संविधान में दिया जा चुका है। प्रशांत किशोर ने ट्वीट कर कहा 'मोदी सरकार का एक और मास्टर स्ट्रोक। इस बार कोविड-19 व इसके त्रासदीपूर्ण कुप्रबंधन के कारण अनाथ हुए बच्चों की देखभाल को पुनर्परिभाषित किया गया। अब बहुत आवश्यक सहायता प्राप्त करने के बजाय, बच्चों को 18 वर्ष के होने पर वजीफे के वादे के बारे में सकारात्मक महसूस करना चाहिए।' पीएम मोदी द्वारा किए गए ट्वीट के जवाब में किशोर ने यह बात कही।

Another typical #MasterStroke by #ModiSarkar this time redefining EMPATHY and CARE for children ravaged by #Covid and its catastrophic mishandling

- Instead of receiving much needed support NOW, the children should feel POSITIVE about a PROMISE of stipend when they turn 18 (1/2) https://t.co/6m4uu16YWM — Prashant Kishor (@PrashantKishor) May 30, 2021

पीएम मोदी ने ट्वीट कर यह कहा था

इससे पहले पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा था, 'हमारे देश के भविष्य का समर्थन! COVID-19 के कारण कई बच्चों ने अपने माता-पिता को खो दिया। सरकार इन बच्चों की देखभाल करेगी, उनके लिए सम्मानजनक जीवन और अवसर सुनिश्चित करेगी। बच्चों के लिए पीएम केयर्स बच्चों को शिक्षा और अन्य सहायता सुनिश्चित करेगा।'

दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा था कि कोरोना के कारण माता-पिता या अभिभावक दोनों को खोने वाले सभी बच्चों को 'पीएम-केयर्स फॉर चिल्ड्रन' योजना के तहत सहायता दी जाएगी। ऐसे बच्चों को 18 साल की उम्र में मासिक वजीफा और 23 साल की उम्र में पीएम केयर्स से 10 लाख रुपये का फंड मिलेगा। पीएमओ ने इसकी विस्तृत जानकारी दी। 

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