विशेषज्ञों ने बताया- वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण इनकम टैक्‍स में क्‍यों नहीं देंगी बड़ी राहत टैक्‍स विशेषज्ञों (Tax Experts) का कहना है कि वेतनभोगी (Salaried) और मध्‍यमवर्गीय परिवारों (Middle Class) को बजट 2021-22 में आयकर राहत (Tax Relief) के मामले में मायूसी हाथ लग सकती है. उनका अनुमान है कि वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharman) 1 फरवरी 2021 को संसद में पेश किए जाने वाले बजट (Budget 2021-22) में टैक्‍स स्‍लैब में किसी तरह के बदलाव की घोषणा नहीं करेंगी

 


नई दिल्‍ली. केंद्रीय वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman) वेतनभोगी कर्मचारियों और मध्‍यवर्गीय परिवारों (Salaried & Middle Class) को बजट 2021-22 में मायूस कर सकती हैं. दरअसल, विशेषज्ञों का मानना है कि केंद्र सरकार बजट 2021 (Budget 2021) में इनकम टैक्‍स स्‍लैब्‍स (Tax Slabs) के साथ किसी तरह की छेड़छाड़ या बदलाव नहीं करेगी. हालांकि, उन्‍होंने ये भी कहा कि सरकार वेतनभोगी और मध्‍यवर्गीय परिवारों को आयकर कानून (Income Tax Act) की धारा-80C और 80D के तहत कुछ राहत दे सकती है. बता दें कि वित्‍त मंत्री सीतारमण 1 फरवरी 2021 को सुबह 11 बजे संसद में आम बजट पेश करेंगी.

'बजट को लेकर लगाए जा रहे अनुमान सच्‍चाई से बहुत दूर'

इनकम टैक्‍स डिपार्टमेंट (Income Tax Department) के एक सूत्र ने कहा कि बजट को लेकर लगाए जा रहे अनुमानों से सच्‍चाई बहुत अलग है. उन्‍होंने कहा कि लोग अपने हिसाब से कल्‍पना कर रहे हैं. लिहाजा, अभी किसी तरह के नतीजे पर पहुंचना जल्‍दबाजी होगी. शीर्ष स्‍तर पर अभी भी इनकम टैक्‍स के मामले में बातचीत हो रही है. अभी कोई ये नहीं बता सकता कि अंतिम फैसला क्‍या होगा. हालांकि, उन्‍होंने साफ किया कि बजट 2021 में इनकम टैक्‍स के मामले में बड़ी राहत (Income Tax Relief) की उम्‍मीद करना बेमानी होगा. वहीं, औद्योगिक क्षेत्र (Industry Sector) को सरकार पहले ही पर्याप्‍त पैकेज दे चुकी है 

वित्‍तीय घाटे के कारण बड़ी राहत देने का अवसर है कम'

टैक्‍स विशेषज्ञ डीके मिश्रा के मुताबिक, फिलहाल यही उम्‍मीद की जा सकती है कि केंद्र धारा-80C के तहत छूट की सीमा को 1.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 2.5 लाख या 3 लाख रुपये कर सकता है. उन्‍होंने कहा कि धारा-80D के तहत हेल्‍थ इंश्‍योरेंस प्रीमियम (Health Insurance Premium) की सीमा को 25,000 रुपये से बढ़ाने की मांग की जा रही है. इसमें कुछ बढ़ोतरी की जा सकती है. उन्‍होंने कहा कि वित्‍तीय घाटे (Fiscal Deficit) को देखते हुए केंद्र सरकार के पास बड़ी राहत देने का बहुत कम मौका है. वहीं, केंद्र सरकारी कंपनियों में अपनी हिस्‍सेदारी बेचने (Disinvestment) के लक्ष्‍य को भी हासिल नहीं कर पाया है. इसके अलावा राजस्‍व संग्रह (Revenue Collection) भी लक्ष्‍य से पीछे चल रहा है.

'हेल्‍थ इंश्‍योरेंस प्रीमियम में भी बड़ी राहत की उम्‍मीद नहीं'

मिश्रा ने कहा कि केंद्र ने 2.1 लाख करोड़ रुपये का विनिवेश लक्ष्‍य तय किया था. सरकार इस लक्ष्‍य से बहुत पीछे चल रही है. कहा जा सकता है कि सरकार चालू वित्‍त वर्ष में लक्ष्‍य का 40 फीसदी हिस्‍सा भी हासिल नहीं कर पाएगी. इन सभी पहलुओं के आधार पर ये माना जा सकता है कि हेल्‍थ इंश्‍योरेंस प्रीमियम के मामले में भी सरकार बहुत ज्‍यादा राहत नहीं दे पाएगी. हालांकि, डेलॉयट इंडिया में पार्टनर और टैक्‍स एक्‍सपर्ट नीरज आहूजा का कहना है कि 5 लाख रुपये सालाना तक की आय पर 5 फीसदी टैक्‍स है. वहीं, 5-7 लाख रुपये की आय वालों पर सीधे 20 फीसदी का टैक्‍स लग रहा है. ऐसे में बीच में एक टैक्‍स स्‍लैब की पूरी गुंजाइश है.

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