BJP सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया की वायरल चिट्ठी से MP की सियासत में उबाल! जानें पूरा माजरा
भोपाल. BJP के राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया की एक चिट्ठी ने मध्य प्रदेश की सियासत में हलचल मचा दी है. सिंधिया ने यह चिट्ठी वित्त आयोग को लिखी है. उनकी यह चिट्ठी सोशल मीडिया में वायरल हो रही है. चिट्ठी पर 8 अगस्त 2020 की तारीख डली हुई है. इसमें राज्यसभा सांसद ने प्रदेश में चल रही विभिन्न परियोजनाओं के लिए वित्त आयोग से फंड की मांग की थी. अब इस बीच इस चिट्ठी को लेकर संभावनाओं-अनुमानों का दौर शुरू हो गया है. लोग दबी जबान में कह रहे हैं कि इसके जरिए सिंधिया सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं. राजनीतिक पंडितों ने भी इसे ये कहकर हवा दी है कि सिंधिया की चिट्ठी का कुछ न कुछ तो असर होगा.
गौरतलब है कि राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया किसी न किसी वजह से चर्चाओं में बने रहते हैं. इस चिट्ठी के वायरल होने से पहले एक और वजह से सिंधिया चर्चा में आ गए थे. दरअसल सिंधिया को सरकार ने श्यामला हिल्स B-5 बंगला अलॉट कर दिया था. यह बात राजनीतिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण और रोचक थी. वो इसलिए, क्योंकि एक तो राज्यसभा सांसद को राजधानी में कोई बंगला करीब 18 साल बाद मिला, दूसरा, यह बंगला उन्हें भाजपा सरकार में महज 48 घंटों के अंदर मिल गया. जबकि, कमलनाथ सरकार महज एक बंगले को लेकर सिंधिया को महीनों यहां से वहां घुमाती है
कांग्रेसियों को नहीं था मंजूर
गौरतलब है कि सिंधिया पिछले कुछ सालों से भोपाल में अपनी सक्रियता बढ़ाने के लिए बंगला चाह रहे थे. लेकिन कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं को लगता था कि अगर सिंधिया को कोई ठिकाना मिल गया तो सरकार पर उनका दबाव बढ़ जाएगा. और ये बात इन नेताओं को किसी कीमत पर मंजूर नहीं थी..
ऐसे करते रहे सिंधिया को परेशान
सूत्र बताते हैं कि गृह विभाग को हिंट दे दी गई थी कि सिंधिया को बंगला नहीं देना है. सिंधिया ने कमलनाथ सरकार आते ही चार इमली स्थित उस बंगले के लिए आवेदन किया था, जो गृह मंत्री भूपेंद्र सिंह को अलॉट था. कमलनाथ ने इस आवेदन को गृह विभाग को भेज दिया. इस बात की जानकारी जैसे ही भूपेंद्र सिंह को लगी तो उन्होंने पहले ही लिख दिया कि वे यह बंगला अप्रैल 2020 तक खाली नहीं कर सकते. इस तरह ये बंगला सिंधिया के हाथ से निकल गया.