युवक का सरकारी अस्पताल में कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव और निजी लैब में नैगेटिव आया

गोंडल : कोरोना महामारी के कारण अस्पताल में भी कोरोना की जांच में लापरवाही बरती जा रही है।राज्य में कोरोना वायरस के पॉजिटिव केसों की संख्या में दिन-प्रतिदिन वृद्घि हो रही है। राज्य के स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोरोना को नियंत्रण में लेने के सभी कदम उठाए जा रहे हैं। कई बार राज्य में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही भी सामने आई है। ऐसे में ऐसी ही एक घटना गोंडल में सामने आई है। सौराष्ट्र समेत अन्य विस्तारों में कोरोना पॉजिटिव केस लगातार बढ़ रहे हैं। ऐसे में गोंडल में सरकारी अस्पताल की लापरवाही सामने आई है। जिसमें एक व्यक्ति द्वारा सिविल अस्पताल में कराई गई रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी और दूसरी तरफ प्राइवेट अस्पताल में कराई गई रिपोर्ट निगेटिव आई थी। एक ही व्यक्ति के दो अलग-अलग रिपोर्ट आने से स्वास्थ्य विभाग की कार्यवाही पर भी सवाल उठ रहे हैं।


जानकारी अनुसार गोंडल राधाकृष्ण नगर में रहनेवाले प्रतिपालसिंह जाडेजा नामक व्यक्ति का कोरोना का रिपोर्ट पॉजिटिव आने से प्रतिपालसिंह जाडेजा के बड़े भाई दुष्यंतसिंह जाडेजा और उनकी पत्नी सिविल अस्पताल में अपना कोरोना टेस्ट करने के लिए गई थी और वहां उनका सैंपल लिया गया। उसके बाद अस्पताल द्वारा दुष्यंतसिंह का रिपोर्ट पॉजिटिव आने की जानकारी मिलने पर उनका अस्पताल के स्टाफ के साथ कहासुनी हुई थी।


इसके बाद आरटी-पीसीआर रिपोर्ट कराने के लिए वे राजकोट की निजी लेबोरेटरी में गए थे और उन्होंने राजकोट की निजी लैब में आरटी-पीसीआर टेस्ट कराया था और इसका रिपोर्ट निगेटिव आया था। रिपोर्ट निगेटिव आने पर सरकारी अस्पताल के स्टाफ ने मनमाने ढंग़ से रिपोर्ट देना तय किया। इस संबंध में प्रतिपालसिंह और दुष्यंत सिंह ने सिविल अस्पताल के स्टाफ के कार्य की निंदा की। घटना की जानकारी होते ही सिविल के उच्च अधिकारी भी घटनास्थल पर पहुंचे तब जाकर पूरा मामला शांत हुआ था।


उल्लेखनीय है कि कोरोना की महामारी के बीच आए दिन इस प्रकार की घटनाएं सामने आ रही हैं। रोगी को सामान्य बुखार और सर्दी के लक्षण दिखने से उन्हें सरकारी अस्पताल में कोरोना का रिपोर्ट कराने के लिए कहा जाता है। जब वह व्यक्ति अस्पताल में रिपोर्ट कराने के लिए जाता है तो उस व्यक्ति का रिपोर्ट निगेटिव होने के बावजूद कई बार पॉजिटिव रिपोर्ट दिखाया जाता है।


ऐसे में गोंडल में प्रतिपालसिंह और दुष्यंतसिंह ने अस्पताल के स्टाफ के कार्यों की निंदा की। इसलिए अस्पताल के स्टाफ ने इस प्रकार की भूल दूसरी बार नहीं होने की बात स्वीकार की। इसके अलावा रोगियों को उनका रैपिड टेस्ट का रिपोर्ट भी दिखाया जाएगा। इस तरह से भी अस्पताल के स्टाफ द्वारा जानकारी दी गई। भूतकाल में भी इस प्रकार की घटनाएं सामने आ चुकी हैं कि सरकारी अस्पतालों में रोगियों को कोरोना का पॉजिटिव रिपोर्ट दिया गया हो।



 


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