कोविड-19 इफेक्ट:वित्त वर्ष 2021 में आवासीय प्रॉपर्टी की बिक्री 60% तक घटेगी, सस्ते होम लोन से डिमांड बढ़ने की उम्मीद
ग्राहकों की ओर से भुगतान रोकने से निर्माण कार्य भी प्रभावित हुआ
15 साल में पहली बार 8 फीसदी से कम हुई होम लोन की ब्याज दर
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कोविड-19 इफेक्ट:वित्त वर्ष 2021 में आवासीय प्रॉपर्टी की बिक्री 60% तक घटेगी, सस्ते होम लोन से डिमांड बढ़ने की उम्मीद
वित्त वर्ष 2021 में आवासीय प्रॉपर्टी की बिक्री 60% तक घटेगी, सस्ते होम लोन से डिमांड बढ़ने की उम्मीद|मनी भास्कर,Business - Dainik Bhaskar
इक्रा का अनुमान है कि कोरोना महामारी के कारण मौजूदा प्रोजेक्ट पर 30 फीसदी पैसा कम खर्च हो रहा है।
ग्राहकों की ओर से भुगतान रोकने से निर्माण कार्य भी प्रभावित हुआ
15 साल में पहली बार 8 फीसदी से कम हुई होम लोन की ब्याज दर
रेटिंग एजेंसी इक्रा का अनुमान है कि कोविड-19 महामारी के कारण वित्त वर्ष 2021 में आवासीय प्रॉपर्टी की बिक्री में 40 से 60 फीसदी तक की गिरावट आ सकती है। यह गिरावट पूरी तरह से तैयार और अंडर कंस्ट्रक्शन दोनों तरह की आवासीय प्रॉपर्टी में रहेगी। इक्रा का कहना है कि रियल एस्टेट सेक्टर में ओवरऑल डिमांड कम होने का जोखिम बढ़ गया है। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में न्यू सेल्स और कलेक्शन में गिरावट से इसका संकेत मिलता है।
पूरी तरह से तैयार इन्वेंट्री को मिलेगी प्राथमिकता
रेटिंग एजेंसी ने अनुमान जताया है कि पूरी तरह से तैयार इन्वेंट्री की मांग लगातार जारी रहेगी। इस कारण डेवलपर्स को ऐसी परियोजनाओं के अनुपात में बढ़ोतरी करनी होगी। हालांकि, ब्याज दरों में बड़ी कटौती के कारण कुछ समय के लिए घरों की मांग में बढ़ोतरी हो सकती है। एजेंसी का कहना है कि 15 साल में पहली बार होम लोन की ब्याज दरें 8 फीसदी से नीचे हैं।
पुरानी बुकिंग का भुगतान भी प्रभावित
एजेंसी का कहना है कि कोविड-19 के कारण पुरानी बुकिंग का भुगतान भी प्रभावित हुआ है। इसका कारण यह है कि बुकिंग करने वालों ने कंस्ट्रक्शन गतिविधियां प्रभावित होने पर भुगतान रोक दिया है। इक्रा का कहना है कि सेल्फ फाइनेंस प्रोजेक्ट्स पर कोविड-19 का ज्यादा असर पड़ा है। जबकि होम लोन के फंड से बनाए जा रहे प्रोजेक्ट पर कम असर पड़ा है। इसका कारण यह है कि बैंक लगातार डेवलपर्स को भुगतान कर रहे हैं।
ग्राहकों से कलेक्शन 35-40% प्रभावित होगा
इक्रा ने अनुमान जताया है कि ग्राहकों से मिलने वाले कलेक्शन में 35 से 40 फीसदी तक की गिरावट आ सकती है। लॉकडाउन में मजदूरों की कमी और गैर-आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई चेन बाधित होने से प्रोजेक्ट क्रियान्वयन का कार्य भी प्रभावित हुआ है। इक्रा का अनुमान है कि कोरोना महामारी के कारण मौजूदा प्रोजेक्ट पर 30 फीसदी पैसा कम खर्च हो रहा है।