दुनिया के 70 फीसदी बाघ भारत में, जानें इस दिवस का इतिहास और महत्व


हर साल पूरे विश्व में 29 जुलाई को विश्व बाघ दिवस मनाया जाता है। भारत का राष्ट्रीय पशु है। यह देश की शक्ति, शान, सतर्कता, बुद्धि और धीरज का प्रतीक माना जाता है। यह भारतीय उपमहाद्वीप में उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र को छोड़कर पूरे देश में पाया जाता है। शुष्क खुले जंगल, नम और सदाबहार वन से लेकर मैंग्रोव दलदलों तक इसका क्षेत्र फैला हुआ है। चिंता की बात ये है कि बाघ को वन्यजीवों की लुप्त होती प्रजाति की सूची में रखा गया है। लेकिन राहत की बात ये है कि 'सेव द टाइगर' जैसे राष्ट्रीय अभियानों की बदौलत देश में बाघों की संख्या में वृद्धि हुई है। 


कब हुई इस दिवस की शुरुआत 


बाघ संरक्षण के काम को प्रोत्साहित करने, उनकी घटती संख्या के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए साल 2010 में रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में आयोजित एक शिखर सम्मेलन में अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस मनाने की घोषणा हुई थी। इस सम्मेलन में मौजूद विभिन्न देशों की सरकारों ने 2022 तक बाघों की आबादी को दोगुना करने का लक्ष्य तय किया था।


क्या है इस दिवस का महत्व


बाघों की लुप्त होती प्रजातियों की ओर ध्यान आकर्षित करने, उनकी रक्षा करने और बाघों के पारिस्थितिकीय महत्व बताने के लिए अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस मनाया जाता है। वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन सोसाइटी ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक साल 2017 में 116 और 2018 में 85 बाघों की मौत हुई है। 2018 में हुई गणना के अनुसार बाघों की संख्या 308 है। साल 2016 में 120 बाघों की मौतें हुईं थीं, जो साल 2006 के बाद सबसे ज्यादा थी। वहीं, साल 2015 में 80 बाघों की मौत की पुष्टि की गई थी। इस दिवस के जरिए बाघ के संरक्षण के प्रति जागरूक किया जाता है।


बाघों को लेकर अच्छी खबर क्या है?


बाघों के बारे में यह जानकर आपको खुशी होगी कि देश में बाघों की संख्या बढ़ी है। विश्व बाघ दिवस की पूर्व संध्या पर मंगलवार को ही देश में बाघों की गणना की विस्तृत रिपोर्ट जारी करते हुए केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि दुनिया के 70 फीसदी बाघ भारत में मौजूद हैं। मालूम हो कि बाघों की गणना की प्रारंभिक रिपोर्ट पिछले साल ही आ चुकी है। इसमें देश में बाघों की संख्या में भारी बढ़ोतरी का खुलासा हुआ था। साल 2018 की रिपोर्ट के तहत देश में बाघों की संख्या बढ़कर 2967 हो गई है। पूर्व में हुई गणना के लिहाज से देखा जाए तो साल 2014 के मुकाबले 741 बाघों की बढ़ोतरी हुई है।


अन्य देशों की भी मदद करेगा भारत 


बाघों के संरक्षण को लेकर भारत अब दुनिया के दूसरे देशों की मदद करेगा। राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) ने दुनियाभर में 13 ऐसे देशों की पहचान की है, जहां मौजूदा समय में बाघ पाए जाते हैं, लेकिन संरक्षण के अभाव में इनकी संख्या कम है। ऐसे में भारत इन देशों को बाघों के संरक्षण के लिए बेहतर तकनीक और योजना मुहैया कराएगा। 


 


 


Popular posts from this blog

शुजालपुर *कुर्सी तोड़ टी.आई रतन लाल परमार ऐसा काम ना करो ईमानदार एस.पी को बदनाम ना करो*

ट्रांसफर नीति पर अपने ही नियम तोड़ रहा एनएचएम ऑनलाइन की जगह ऑफलाइन किए कम्नूटी हेल्थ ऑफिसर के ट्रांसफर

फल ठेले बाले ने नपा सीएमओ पर बरसाए थप्पड़, कर्मचारियों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा वीडियो वायरल