यूपीः लॉकडाउन से बेरोजगार हुआ तो ट्रेन से कटा शख्स, सुसाइड नोट में लिखा दर्द

भानू की जेब से एक सुसाइड नोट बरामद हुआ है जिसमें उसने लिखा है कि राशन की दुकान से उसको गेहूं चावल तो मिल जाता था लेकिन इतना काफी नहीं था. शक्कर, चायपत्ती, दाल, सब्जी, मसाले जैसी रोजमर्रा की चींजे अब परचून वाला भी उधार नहीं देता है.



लॉकडाउन की वजह से चली गई थी मजदूर की नौकरीमृतक भानू की जेब से बरामद हुआ एक सुसाइड नोट


लखीमपुर खीरी जिले में मैगलगंज थाना क्षेत्र के कस्बे में लॉकडाउन में बेरोजगार हुए युवक ने ट्रेन से कटकर आत्महत्या कर ली. मृतक का नाम भानू प्रताप गुप्ता है. मृतक की जेब से एक सुसाइड नोट बरामद हुआ है जिसमें उसने अपनी गरीबी और बेरोजगारी का जिक्र किया है. यहीं नहीं सुसाइड नोट में उसने ये तक कहा कि हम इतनी गरीबी झेल रहे हैं कि मेरे मरने के बाद मेरे अंतिम संस्कार भर का भी पैसा मेरे परिवार के पास नहीं है.


भानू मैगलगंज के रहने वाला था और शाहजहांपुर में एक होटल पर काम करता था. लॉकडाउन के बाद से भानू लम्बे समय से घर पर ही था. भानू की आर्थिक स्थिति भी ठीक नहीं थी. इन दिनों घर में न खाने को कुछ था, न ही अपने और अपनी बूढ़ी मां के इलाज के लिए पैसे थे. दोनों लोग ही सांस की बीमारी से जूझ रहे थे.


भानू की तीन बेटियां और एक बेटा है. घर पर बूढ़ी मां और बीमारी का बोझ था. घर की पूरी जिम्मेदारी भानू के कंधे पर थी. जिम्मेदारियों के बोझ तले दबकर भानू ने आज अपनी जिंदगी से हार मान ली और रेलवे ट्रैक पर लेट कर मौत को गले लगा लिया.


भानू की जेब से एक सुसाइड नोट बरामद हुआ है, जिसमें उसने लिखा है कि 'राशन की दुकान से उसको गेहूं चावल तो मिल जाता था लेकिन इतना काफी नहीं था. चीनी-चायपत्ती, दाल, सब्जी, मसाले जैसी रोजमर्रा की चींजे अब परचून वाला भी उधार नहीं देता है. मैं और मेरी विधवा मां लम्बे समय से बीमार हैं. गरीबी के चलते तड़प-तड़प के जी रहे हैं. शासन प्रसाशन से भी कोई सहयोग नहीं मिला. गरीबी का आलम ये है कि मेरे मरने के बाद मेरे अंतिम संस्कार भर का भी पैसा मेरे परिवार के पास नहीं होगा.'


बेरोजगारी के कारण युवक के आत्महत्या कर लेने के मामले में लखीमपुर खीरी जिले के डीएम शैलेंद्र कुमार सिंह ने जांच के आदेश दे दिए हैं. लखीमपुर खीरी के डीएम शैलेन्द्र कुमार सिंह ने बताया कि भानु प्रकाश गुप्ता उर्फ सदाकत यह मैगलगंज कस्बे के रहने वाले हैं. शाहजहानपुर में गायत्री रेस्टोरेंट में काम करते थे. इन्होंने एक सुसाइड नोट छोड़ा है जिसमें कुछ कारणों का जिक्र किया है. इनके बारे में प्रारंभिक जांच की गई है.


 


जांच में सामने आया है कि इनका राशन कार्ड भी बना हुआ है, जिसके तहत उन्हें इस महीने में 20 किलो गेहूं, 15 किलो चावल और दूसरे शिफ्ट में 5 किलो चावल और 1 किलो चना दिया गया था. इनके पास खाद्यान्न की कोई कमी नहीं थी. खाद्यान्न इनके आवश्यकता के अनुरूप था. सुसाइड उन्होंने किन कारणों से किया है, इसकी जांच कराई जा रही है. रिपोर्ट आने के बाद इस बाद का खुलासा हो सकेगा. एक सुसाइड नोट मिला है उसकी भी जांच की जा रही है.


 


 


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