जीतू सोनी ने चुकाई हनीट्रैप मामले को उजागर करने की कीमत संबंधों पर भारी सियासत
मध्य प्रदेश के बहुचर्चित हनीट्रैप मामले को चरम पर पहुंचाने के पहले ही ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है l इंदौर के व्यापारी और लोकस्वामी अख़बार के मालिक जीतू सोनी इस मामले की धीरे-धीरे परत खोल ही रहे थे कि तत्कालीन कमलनाथ सरकार ने उनके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई कर शायद हमेशा के लिए इस मामले को दफना दिया है l गौरतलब है कि हनीट्रैप मामले में कई वरिष्ठ आईएएस अफसर और राजनेता शिकंजे में थे l इनमें से कुछ के नाम तो सामने आ ही चुके थे l जब मामले में फंसे बड़े मगरमच्छों की सीडी उजागर होती उससे पहले ही दुर्भावनापूर्ण कार्रवाई कर जीतू सोनी का पूरा साम्राज्य ही नष्ट कर दिया l लोकस्वामी अख़बार की बिल्डिंग तुड़वा दी l साथ हीं जीतू सोनी का होटल, मकान सब पर बुलडोजर चलवा दिया l लोकस्वामी पिछले 27-28 वर्षों से इंदौर से ही लगातार प्रकाशित हो रहा था l इसके प्रकाशन का घोषणा पत्र बगैर सूचना दिए 5 दिसंबर 2019 को निरस्त कर दिया l जीतू भाई ने सच्चाई का खुलासा करने की बहुत बड़ी कीमत चुकाई है l जीतू भाई पर कार्रवाई का समय मीडिया के लिए काला अध्याय का समय था l प्रदेश के इतिहास में आज तक मीडिया पर कुठाराघात नहीं हुआ है l दरअसल जीतू सोनी पर पक्षपातपूर्ण हुए अचानक कार्रवाई के पीछे बड़ी साजिश है l विश्वस्त सूत्रों का कहना है कि हमें हनीट्रैप मामले में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल के तार भी जुड़े थे l इससे पहले कि अहमद पटेल का नाम सामने आता है अहमद पटेल ने प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ से कहकर जीतू सोनी पर रातों-रात कार्रवाई करवा दी l नई पुरानी सभी फाइलें खुलवा दी l दिन-रात सरकार और प्रशासन जीतू सोनी के पीछे पड़ गया l उन पर दर्जनों केस दर्ज किए गए l उन पर ऐसे धाराएं लगाई गई जैसे उन्होंने बहुत बड़ा जधन्म अपराध किया हो l उनके साथ प्रसाशन ने ऐसा बर्ताव किया जैसे किसी आतंकवादी से भी नहीं किया जाता l मतलब साफ था कि ऊपर से आदेश मिला था कि जीतू सोनी को किसी भी तरह करके नेस्तनामूद करना है l कमलनाथ सरकार ने ऐसा किया भी l
यहां एक बात का जिक्र करना भी जरूरी है l मुझे पता है कि कमलनाथ और जीतू भाई के अच्छे संबंध थे एक दूसरे में अच्छी दोस्ती थी l कमलनाथ जब भी इंदौर जाते थे l दोनों में मुलाकात जरूर होती थी, लेकिन सियासत का ऐसा चक्र चला कि कमलनाथ को अपनी दोस्ती की तिलांजलि देनी पड़ी l कमलनाथ के आगे एक ही रास्ता था l या तो आलाकमान की बात मानें और कार्रवाई करें l
आखिर में उन्होंने अपनी दोस्ती को तोड़ना पड़ा l सियासत के आगे दोस्ती बोनी हो गई l
अब सियासत भी बदल गई और मुखिया भी बदल गया है l मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एक संवेदनशील मुख्यमंत्री है l उन्होंने हनीट्रैप के मामले की बारीकी से जानकारी है l जीतू सोनी पर दुर्भावना पूर्ण हुई कार्रवाई पर एक्शन लेना चाहिए l सच्चाई की तह तक जाकर न्याय करना चाहिए l
मैं अपराध के पक्षधर नहीं हूं, पर अन्याय पूर्ण की जाने वाली कार्रवाई के सख्त खिलाफ हूं l शिवराज जी मीडिया पर कुठाराघात हुआ है l आप मीडिया की संवेदनशीलता को समझिए l यदि मीडिया पर ऐसे अंकुश लगता रहा तो यह लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए नुकसानदायक रहेगा l जीतू सोनी पर कार्रवाई होने से मीडिया संस्थान दहशत में में है l सरकार के खिलाफ जाने पर सोचने लगे हैं l क्योंकि सत्ता का बोल बाला होता है l खैर अब स्थितियां बदल गई हैं l शिवराज जी आप मिसाल पेश कीजिए l लोकस्वामी अखबार पुनः प्रारंभ होना चाहिए l मीडिया की गरिमा बरकरार रहना चाहिए l