लॉकडाउन: पर्यटन से जुड़े 3.8 करोड़ लोगों के रोजगार पर खड़ा हुआ संकट
देशभर में लॉकडाउन के बाद पर्यटन उद्योग से जुड़े 3.8 करोड़ लोगों के सामने रोजगार का संकट खड़ा हो गया है। देशभर में बड़ी संख्या में लोग प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से पर्यटन उद्योग से जुड़े हुए हैं।
पर्यटन क्षेत्र के संगठन फेडरेशन ऑफ एसोसिएशन इन इंडियन टूरिज्म एंड हॉस्पिटैलिटी (फैथ) ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर इस संबंध में अपनी चिंता से अवगत करवाया है। देश में 14 अप्रैल तक अंतरराष्ट्रीय और घरेलू सभी उड़ानें रद्द हैं। लॉक डाउन से पहले ही कई एयरलाइंस, टूर एंड ट्रेवल कंपनियों ने अपने 35% से अधिक कर्मचारियों को बिना सैलरी के छुट्टी पर भेज दिया था। जबकि पायलट, क्रू मेंबर समेत अन्य कर्मचारियों में 15 से 35% तक की कटौती कर दी थी।
विमानों के पहिए रुके: विमानों के पहिए रुकने से हवाई अड्डों की पार्किंग वे में इनकी कतारें लग गई हैं। इन्हें खड़ा रखना और इनकी मरम्मत करना एयरलाइन कंपनियों के लिए चुनौती है। विमानन जानकारों की मानें तो एक विमान के रखरखाव में प्रतिदिन पांच हजार रुपये कम से कम का खर्च आता है।
20 प्रतिशत हायरिंग कम: एसोचैम के मुताबिक वैश्विक महामारी के रूप में फैले इस कोरोना वायरस का सबसे अधिक असर होटल, टूर एंड ट्रेवल, विमानन, खानपान, निर्माण और मनोरंजन क्षेत्र पर पड़ेगा। आशंका है कि आने वाले समय में इन क्षेत्रों में कर्मचारियों की हायरिंग 15 से 20 प्रतिशत कम होगी।
ट्रैवल कंपनियों की जुलाई तक बुकिंग रद्द: एक अनुमान के मुताबिक देशभर में विमानन क्षेत्र में करीब पांच लाख करोड़ रुपये का नुकसान होगा। ट्रेवल कंपनियों की जुलाई तक बुकिंग रद्द हो चुकी हैं। कई कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को अगले नोटिस तक अस्थायी रूप से छुट्टी पर भेज दिया है। ट्रेवल कंपनी से जुड़े एक मैनेजर के मुताबिक इस बार गर्मियों का सीजन बुरी तरह पिट गया है। अब तो सर्दियों में ही धंधे की उम्मीद है।