कोरोना वायरस के संकट के बीच RBI ने रेपो और रिवर्स रेपो रेट में की कटौती

  दुनियाभर के तकरीबन सभी देश कोरोना वायरस के संक्रमण की चपेट में हैं। इससे देश की इकॉनमी पर भी असर पड़ रहा है। ऐसे समय में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके रेपो और रिवर्स रेपो रेट में कटौती का ऐलान किया।


दास ने कहा कि आरबीआई ने रेपो रेट में 75 बेसिस प्वॉइंट की कटौती की है। इसके बाद रेपो रेट 4.44 पर आ गया है। रिवर्स रेपो रेट में 90 बेसिस प्वॉइंट की कटौती की गई है। दास की यह प्रेस कॉन्फ्रेंस ऐसे वक्त में हुई है, जब एक दिन पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1.70 लाख करोड़ के पैकेज का ऐलान किया था।


आरबीआई गवर्नर ने कहा कि कोरोना संकट की वजह से देश के कई क्षेत्रों में असर पड़ा है। इकॉनमी को मजबूत बनाए रखने वाले हम निर्णय कर रहे हैं। आरबीआई ने कैश रिजर्व रेशियो (सीआरआर) में 100 बेसिस प्वॉइंट की कटौती की है। इसके बाद यह तीन फीसदी पर आ गया है। वहीं, आरबीआई ने बड़ा फैसला लेते हुए सभी टर्म लोन पर 3 महीने का मोरोटोरियंम लगा दिया है। ऐसे में डिफॉल्ट होने की स्थिति में कर्जदार की क्रेडिट हिस्ट्री में नहीं दिखेगी।


प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरबीआई गवर्नर ने कहा कि कोरोना वायरस के संकट की वजह से इस बात की संभावना बढ़ रही है कि दुनिया का बड़ा हिस्सा मंदी की चपेट में आ जाए। दास ने कहा कि कच्चे तेल के दाम और मांग में कमी से मुख्य (कोर) मुद्रास्फीति कम होगी। उन्होंने कहा,  'मौद्रिक नीति समिति के चार सदस्यों ने रेपो दर में कटौती के पक्ष में जबकि दो ने विरोध मे मतदान किया।'
उन्होंने कहा कि मौद्रिक नीति समिति ने अनिश्चित आर्थिक माहौल को देखते हुए अगले साल के लिए आर्थिक वृद्धि, मुद्रास्फीति के बारे में अनुमान नहीं लगाया जा रहा है। दास ने आगे कहा कि मौजूदा स्थिति पर आरबीआई की कड़ी नजर बनी हुई है। नकदी बढ़ाने के लिए हर कदम उठाए जाएंगे।
इससे पहले गुरुवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पैकेज का ऐलान करते हुए बताया था कि गरीबों को तीन माह तक मुफ्त राशन दिया जाएगा। वहीं, सरकारी कर्मचारियों को भी बड़ी राहत देते हुए ऐलान किया कि ईपीएफ में पूरा योगदान सरकार देगी।
वित्त मंत्री ने कहा था कि गरीबों और मजदूरों को डायरेक्ट कैश ट्रांसफर होगा। केंद्र ने 3.5 करोड़ मजदूरों के लिए राहत का ऐलान करते हुए कहा कि इनकी राहत लिए 31000 करोड़ का फंड है। जो कामगारों पर खर्च होंगे वहीं, सरकार तीन महीने तक नियोक्ता और कर्मचारी दोनों का भविष्य निधि योगदान जमा करेगी। इसके अलावा पीएफ फंड रेग्युलेशन में संशोधन किया जाएगा। जमा रकम का 75% या 3 महीने के वेतन में से जो भी कम होगा, उसे निकाल सकेंगे।


Popular posts from this blog

शुजालपुर *कुर्सी तोड़ टी.आई रतन लाल परमार ऐसा काम ना करो ईमानदार एस.पी को बदनाम ना करो*

ट्रांसफर नीति पर अपने ही नियम तोड़ रहा एनएचएम ऑनलाइन की जगह ऑफलाइन किए कम्नूटी हेल्थ ऑफिसर के ट्रांसफर

फल ठेले बाले ने नपा सीएमओ पर बरसाए थप्पड़, कर्मचारियों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा वीडियो वायरल