दिल्ली सरकार की नाकामी

दिल्ली सरकार की नाकामी
दिल्ली सरकार लगातार कह रही है कि वह किसी को भूखे नहीं सोने देगी और लाखों लोगों के लिए खाने-पीने का इंतजाम कर रही है। वह बार-बार मजदूरों से अपील कर रही है कि वे बॉर्डर से लौट आएं, उनकी हर जरूरतों का वह ख्याल रखेगी। लेकिन इन सबसे केजरीवाल सरकार अपनी जिम्मेदारी और अपने गलतियों से पल्ला नहीं झाड़ सकती। लॉकडाउन के दौरान आखिर इतने बड़े पैमाने पर मजदूरों का मूवमेंट कैसे होने दिया गया? डीटीसी बसों के एक तिहाई बेड़े को चलाने का वादा था तो आधे बेड़े को क्यों उतार दिया गया? बसों से मजदूरों को बॉर्डर तक क्यों छोड़ा गया? इन सवालों से दिल्ली सरकार नहीं बच सकती। मजदूरों का पलायन इस बात की भी तस्दीक करता है कि अरविंद केजरीवाल उन्हें भरोसा देने में नाकाम रहें कि उन्हें उनकी कर्मभूमि दिल्ली में भूखों नहीं मरना पड़ेगा।


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