इंदौर नगर निगम का बर्खास्त चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी निकला करोड़ों का आसामी

 मध्य प्रदेश लोकायुक्त संगठन की इंदौर टीम ने नगर निगम के बर्खास्त बेलदार (चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी) और उसके भाइयों के निवास पर मंगलवार को छापेमारी की। बेलदार के पास करीब एक करोड़ रुपये की अनुपातहीन संपत्ति मिली है, जबकि वेतन-भत्तों के रूप में उसे अब तक मात्र 22 लाख रुपये ही मिले हैं। उसे सात बार निलंबित किया गया, लेकिन हर बार बहाल होकर बिल कलेक्टर जैसी अहम जिम्मेदारी संभालता रहा। शिकायतों के चलते उसे इसी माह बर्खास्त किया गया था। अब पकड़ा गया तो बोला-'मैं गरीब हूं, शाम का चूल्हा कैसे जलेगा, पता नहीं।'


नगर निगम के बेलदार ने एकत्रित की बड़ी मात्रा में आय से अधिक संपत्ति


लोकायुक्त इंदौर के एसपी सव्यसाची सराफ के मुताबिक शिकायत मिली थी कि नगर निगम के बेलदार रियाज अंसारी ने बड़ी मात्रा में आय से अधिक संपत्ति एकत्रित कर ली है। इस पर मंगलवार सुबह डीएसपी प्रवीणसिंह बघेल और टीम ने उसके घर छापेमारी की। टीम सुबह साढ़े पांच बजे स्नेहलतागंज स्थित देवछाया अपार्टमेंट पहुंची। यहां दरवाजा अंसारी ने खोला। इसी समय टीम ने नीचे के फ्लोर पर रहने वाले उसके भाई और मां के फ्लैट पर भी दबिश दी। उसके यहां से 50 हजार रुपये नकद, करीब पांच लाख के सोने-चांदी के जेवर आदि मिले।


16 साल की नौकरी में अब तक मिले 22 लाख


एसपी बघेल ने बताया कि 2003 में पिता की मौत के बाद रियाज को अनुकंपा नियुक्ति मिली थी। 16 साल की नौकरी में उसे वेतन-भत्तों के रूप में करीब 22 लाख रुपये ही मिले थे। इसकी तुलना में उसके यहां से तीन गुना से ज्यादा की संपत्ति मिली है।


छापे में मिली यह जायदाद


-इंदौर के स्नेहलतागंज में दो फ्लैट, एक पेंट हाउस



खजराना क्षेत्र की पाकीजा लाइफ स्टाइल कॉलोनी में निर्माणाधीन मकान


-खजराना में बहन के नाम पर मकान


-50 हजार रुपये नकद


-डस्टर कार और दो पहिया वाहन


-बीमा पॉलिसी और बैंक खाते


-90 ग्राम सोने के जेवर


-573 ग्राम चांदी के जेवर


अधिकारियों का चहेता रहा है रियाज


नगर निगम के बेलदार जैसे चतुर्थ श्रेणी पद पर रहते हुए करोड़पति बने रियाज अंसारी अपने राजनीतिक आकाओं के साथ कुछ अधिकारियों का भी चहेता रहा है। बेलदार का मूल काम साफ-सफाई और गड्ढे खोदना होता है, लेकिन उसे बड़ी जवाबदारी मिलती रही।


पिता की जगह अनुकंपा नियुक्ति पर नौकरी में लगा रियाज अब तक सात बार निलंबित हो चुका


सूत्रों के मुताबिक पिता की जगह अनुकंपा नियुक्ति पर नौकरी में लगा रियाज अब तक सात बार निलंबित हो चुका है। रसूखदारों, राजनीतिक आकाओं और कुछ चुनिंदा अफसरों की शह पर वह बहाल होता गया और कमाई वाले पदों पर नियुक्तियां लेता रहा। आठवीं बार उसे निलंबित करने के बजाय निगमायुक्त आशीष सिंह ने उसे 20 दिसंबर को नौकरी से बर्खास्त कर दिया था।



 

 


 

 

 

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