हेण्डलूम पार्क अहम किरदार है चन्देरी पर्यटन में

*हेण्डलूम पार्क अहम किरदार है चन्देरी पर्यटन में।
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            एक ओर जहां मध्य प्रदेश शासन अंतर्गत  मध्यप्रदेश हस्तशिल्प विकास निगम एवं हाथकरघा विभाग चंदेरी साड़ियों की आभा विदेशी धरती पर बिखेरने की तैयारियों में है। आशा ही नहीं  अपितु पूर्ण विश्वास है कि शीघ्र अति शीघ्र आने वाले समय में  चंदेरी साड़ियां  एवं अन्य परिधान  लंदन  के बाजार में अपनी सतरंगी खूबसूरती  की चमक बिखेरेगी। वहीं दूसरी ओर चंदेरी पर्यटन क्षेत्र में नवीन पर्यटन स्थल के रूप में उदय हुए हेण्डलूम पार्क की स्थापना चंदेरी पर्यटन को बढ़ावा देने का ठोस आधार है। हेण्डलूम पार्क की स्थापना यानी चंदेरी फैब्रिक से संबंधित समस्त गतिविधियों का एक समग्र केंद्र जहां पर पहुंचकर पर्यटक चंदेरी  हस्तशिल्प कला की समस्त गतिविधियों से रूबरू होता है। बुनकर से सीधा संबंध स्थापित  कर विश्व प्रसिद्ध चंदेरी साड़ियां एवं अन्य परिधान किस प्रकार और कैसे  निर्मित होते हैं उन्हें समझता ही नहीं हैं अपितु निर्माण होते हुए देखता भी है  हाथकरघा से  निकलने वाली खट-खट की आवाज  पर्यटक को एक नया अनुभव प्रदान करती है।


          नगर में आते पर्यटकों के अलावा शोधार्थी खोजार्थी  अपनी आंखों से धागों में सांस लेती सतरंगी ताना-बाना  के धागों में उलझी हुनरमंद  बुनकरों के नरम गरम हाथों से हथकरघा पर साड़ी के अलावा अन्य वस्त्रों, विभिन्न  कलाकृतियों को  बारीकी से  देखना और समझना  चंदेरी पर्यटन को  यादगार  रखने का  एक बेहतरीन माध्यम हेण्डलूम पार्क है। ऐसे एक नहीं अनेक कारण हैं जो नगर में आने वाले पर्यटकों को हेण्डलूम पार्क में आने हेतु विवश कर देते है। जहां  पहुंच कर पर्यटक अपनी एक नही अनेक जिज्ञासाओं का समाधान करते हैं।


            लगभग 43 करोड़ की लागत से निर्मित पूर्व क्षेत्रीय सांसद श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के अथक प्रयासों का परिणाम एवं 2017 में तत्कालीन मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा उद्घाघाटित मध्य प्रदेश का इकलौता हेण्डलूम पार्क आज चंदेरी फैब्रिक की समस्त जानकारियां उपलब्ध कराने का बेहतरीन जरिया होकर प्रमाणिक साक्ष्य है। पार्क में दो सौ चालीस हाथकरघा स्थापित है जहां बुनकर स्वच्छ एवं स्वस्थ शांत वातावरण में विश्व प्रसिद्ध हस्तकला रचनाओं को जन्म देकर मध्य प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत का प्रतिनिधित्व करता है। याद रखना होगा कि आजकल भोपाल में आयोजित एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय की राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता जिसमें देश के विभिन्न राज्यों के छात्र-छात्राएं शामिल हुए हैं उसमें विजेता खिलाड़ियों के गले में पहनाया जाने वाला स्कार्फ एवं उस स्कार्फ पर उकेरा गया एकलव्य का प्रतीक चिन्ह चंदेरी बुनकरों की नरम गरम हाथों की सुन्दर प्रस्तुति है।


         11 अक्टूबर 2019 को हेण्डलूम पार्क में आयोजित प्रथम सफल फैशन शो ने हेण्डलूम पार्क के प्रचार-प्रसार को और आगे बढ़ाया है। लेकिन सब कुछ होते हुए सुगम पहुंच मार्ग की उपलब्धता ना होना कहीं ना कहीं पर्यटक को परेशान ही नहीं करता है बल्कि चंदेरी पर्यटन पर विपरीत प्रभाव डालने का सबब भी बनता है। पर्यटकों को इस बात से कोई मतलब नहीं कि सुगम पहुंच मार्ग उपलब्ध कराने की किस विभाग की जिम्मेदारी है उसे तो बुनियादी सुविधा से मतलब है।आश्चर्य होता है कि उद्घघाटन को बीते दो साल से अधिक समय व्यत्तीत उपरांत रास्ता जस का तस बना रहना कही न कही उदासीनता का परिचायक है। देर आए दुरूस्त आए अतएव वर्तमान में उबड- खाबड पहुंच मार्ग को सुगम रास्ता में तब्दील करना चंदेरी पर्यटन की पुरजोर मांग है। दिन-ब-दिन हेण्डलूम पार्क में बढ़ रही पर्यटकों की संख्या मद्देनजर नगर के समस्त पर्यटन प्रेमियों की यह मांग है कि शीघ्र-अति-शीघ्र सुगम पहुंच मार्ग उपलब्ध कराना चंदेरी पर्यटन को बढ़ावा देने में अति आवश्यक है। 


        याद रखना होगा कि यूनेस्को की क्रिएटिव सिटी में टेक्सटाइल श्रेणी में चंदेरी नामांकित हो चुका है और इसी माह चंदेरी में यूनेस्को की ओर से बेल्जियम से एक दल नगर में आकर जमीनी स्तर पर विभिन्न पहलुओं पर जानकारी लेगा एवं धरातल पर चंदेरी हस्तशिल्प एवं लोककला संस्कृति को देखेगा समझेगा ऐसी परिस्थितियों में आवश्यक है कि हेण्डलूम पार्क पहुंच मार्ग को सुगम मार्ग के रूप में तब्दील किया जावे यहां यह बताना भी आवश्यक है कि पूर्व में यह तय हुआ था कि हेण्डलूम पार्क का प्रवेश द्वार चंदेरी की प्राचीन शिल्प कला पर आधारित रहेगा लेकिन प्रवेश द्वार का निर्माण दूर सुगम पहुंच मार्ग उपलब्ध न होना चंदेरी पर्यटन के अलावा हाथकरघा हस्तशिल्प कला की उपेक्षा समान है।आश्चर्य किन्तु सत्य है कि हेण्डलूम पार्क परिसर में सब दूर सीसी रोड एवं गलियों में पत्थर निर्मित फर्श किया गया है मात्र मुख्य सड़क मार्ग से हेण्डलूम पार्क के प्रवेश द्वार तक पहुंच मार्ग की समस्या कब सुलभ होगी कब मुख्य सड़क मार्ग के किनारे हेण्डलूम पार्क प्रवेश द्वार का निर्माण होगा पर्यटन प्रेमियों को इंतजार है साथ ही चंदेरी पर्यटन हित में भी है। याद यह भी रखना होगा कि हेण्डलूम पार्क में पर्यटक मात्र चंदेरी साड़ी के निर्माण कला की विभिन्न जानकारियों को ही नहीं समझते हैं बल्कि पसंद आ जाने पर चंदेरी साड़ियों को क्रय भी करते हैं जिस कारण वहां पर मौजूद बुनकरों को आर्थिक लाभ और सीधे रूप से भारतीय बाजार से जुड़ने का रास्ता भी खुलता है।
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*चन्देरी पर्यटन -- सुखद स्मृति*
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*एक दिन तो गुजारिए चन्देरी में*
                   भवदीय
     मजीद खां पठान (सदस्य)
    जिला पर्यटन संवर्धन परिषद
             चन्देरी म. प्र.


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