शोभा ओझा और पी.नरहरि ने हाईजैक किया जनसंपर्क(विजया पाठक)

शोभा ओझा और पी.नरहरि ने हाईजैक किया जनसंपर्क
विजया पाठक
सरकार और मीडिया के बीच जनसंपर्क सेतु का काम करता है। सरकार की छबि को निखारने का काम जनसंपर्क का है लेकिन वर्तमान में जनसंपर्क के ओहदेदार सरकार पर पलीता लगाने में लगे हैं। आयुक्त जनसंपर्क पी.नरहरि और कांग्रेसी की मीडिया प्रभारी शोभा ओझा दोनों मिलकर कमलनाथ सरकार की किरकिरी कराने पर तुले हुए हैं। शोभा ओझा अपने स्तर पर मीडिया को किनारे किए हुए हैं और पी. नरहरि के पास मीडिया के लोगों से मिलने का समय नही है। जब उमंग सिंघार वाला मामला उछला था तब भी इन दोनों की भूमिका संदिग्ध थी क्योंकि इन पर आरोप थे कि मीडिया की कमान होने के बावजूद यह मीडिया को मैनेज नही कर पाये थे। करीब एक सप्ताह तक यह मामला सुर्खियों में रहा। इससे सरकार ने एक अधिकारी को हटा दिया था पर जनसंपर्क आयुक्त को तो बदला ही नही जबकि पहला मैनेजर वही होता है। हालात ये हैं कि वर्तमान में इन दोनों ने मीडिया को नाराज करके रखा है। सरकार से नाराज मीडिया संस्थानों को संभालने में पी.नरहरि और शोभा ओझा नाकाम हैं। यहां तक कि इन्होंने इन संस्थानों के प्रमुखों से मिलने तक का जरूरी नही समझा। जिसके ही परिणाम हैं कि कमलनाथ के खिलाफ आक्रोश बढ़ता ही जा रहा है। इससे पहले भी जब मीडिया के लोगों को सरकार से शिकायत होती थी तो जनसंपर्क आयुक्त आगे आकर माध्यम से रूप में काम करते थे लेकिन वर्तमान आयुक्त को तो मीडिया के लोगों से मिलने का समय नही है। ताज्जुब की बात है कि ऐसे महत्वपूर्ण पदों पर आसीन होने के बाद मीडिया को मैनेज नही किया जा रहा है। वहीं प्रदेश के मुखिया आंख बंद कर तमाशा देख रहे हैं। ओझा और नरहरि की कारगुजारियों से मीडिया ही नाराज नही है बल्कि सरकार के लोग भी परेशान हैं। इन लोगों का आरोप है कि पूरे जनसंपर्क को इन दोनों ने बांध के रख लिया है। सरकार के मंत्री और अन्य नेता किसी तरह अपने स्तर से मीडिया को साधने का प्रयास कर रहे हैं।


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