कमलनाथ अपनों को सत्ता की मलाई खिला रहे


 


नेता प्रतिपक्ष श्री गोपाल भार्गव ने लोकसेवा गारंटी अधिनियम के तहत संचालित होने वाले लोकसेवा केन्द्रों की निविदाओं में भारी अनियमितताएं को लेकर मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ को पत्र लिखकर निविदा प्रक्रिया को तत्काल रोकते हुए आवेदकों की पूरी राशि वापिस किये जाने की मांग की है। नेता प्रतिपक्ष श्री भार्गव ने कहा कि प्रदेश सरकार अपने चहेतों को उपकृत करने में नीति नियम को तोड़ मरोड़ रही है। सरकार को निष्पक्ष होकर काम करने की आवश्यकता है




नेता प्रतिपक्ष श्री भार्गव ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कहा कि लोकसेवा केन्द्रों के नवीन टेंडर दिनांक 05 मार्च 2019 को जारी किये गये थे पुराने लोकसेवा  केन्द्र 25 रूपये प्रति आवेदन की दर से कार्य कर रहे थे परन्तु नवीन टेंडर जारी करने के बाद दर 25 रूपये से 35 रूपये दिनांक 07 मार्च 2019 के राज्य लोक सेवा अभिकरण द्वारा पत्र जारी कर दर बढ़ा दी गई । राज्य सरकार को लोकसभा चुनाव की आचार संहिता की संभावित तिथियों की जानकारी थी । उक्त संभावित तिथियों में भी निविदा जारी की गयी । बाद में निविदा जमा करने की उक्त तिथि 03 अप्रैल 2019 से बढ़ाकर 25 मई 2019 कर दी गई । उक्त तिथि में भी अपने चहेतों की निविदा जमा न होने के कारण निविदा जमा करने की दिनांक 30 मई 2019 कर दी गई । दिनांक 28 मई 2019 को पत्र जारी कर प्रदेश की निविदाओं में अपने चहेतों को लाभ दिलाने के उद्देश्य से निविदा प्रक्रिया एवं नियमों को बार-बार बदलने का सिलसिला आरंभ हुआ एवं निविदा प्रक्रिया को राज्य लोक सेवा अभिकरण द्वारा उलझाया गया । दिनांक 07 जून 2019 को पुनः पत्र जारी कर नियमों को बदल दिया गया । गोपाल भार्गव  का कहना है  कि सरकार द्वारा निविदाओं में की जा रही अनिमितताओं को लेकर मीडिया में समाचार प्रकाशित होने पर सरकार ने सारी प्रक्रिया को जहां है वहीं रहने के आदेश जारी कर दिये थे। साथ ही पुराने लोक सेवा केन्द्र के संचालकों को प्रत्येक एक-एक, दो-दो माह एक्सटेंशन कर दिया गया । मामला शांत होते ही कुछ चहेतों को लाभ दिलाने के उद्देश्य से नये नियम लागू कर फिर से निविदा प्रक्रिया प्रारंभ कर दी है। उन्होंने कहा कि मुझे जिलों से लगातार हो रही धांधली की जानकारी मिली है। राजनीतिक दबाव में अपने चहेतों को लोक सेवा केन्द्र आवंटन की प्रक्रिया भी बंद कमरे में हो रही है।नेता प्रतिपक्ष ने  सरकार द्वारा लोकसेवा गारंटी केंद्रों के आबंटन प्रक्रिया की निंदा करते हुए सारी प्रक्रिया को विवादित एवं आपत्तिजनक बताया है। नेता प्रतिपक्ष ने पूरी प्रक्रिया को तत्काल रोकने ओर आवेदकों की पूरी राशि तत्काल वापिस किये जाने की मांग की है।



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