उद्यानिकी विभाग के काजू के पौधे पेड़ बन गए और फल भी लग गए?
किसानों को मुंगेरीलाल के सपने बेचने में लगा बैतूल जिले का उद्यानिकी विभाग अधिकारियों को काजू के पेड़ दिखा कर खूब वाहवाही लूट रहा है प्रदेश सम्भाग और जिले के आला अधिकारी भी काजू के पेड़ देखकर खुश हो रहे है ।वही दूसरी ओर वन विभाग ने दो दशक पहले चिचोली ब्लाक के देवपुर कोटमी में काजू का व्रक्षारोपन कर खूब वाहवाही लूटी थी और प्रदेश भर के वन विभाग के आला अधिकारी भी काजू का बगीचा देखने आते थे पर इस काजू के बगीचे में फल ही नही लगे और गांव वाले अब इसे बांझ बगीचा कहने लगे है ।
।।शाहपुर में एक साल में पेड़ बने काजू के पौधे।।
उद्यानिकी विभाग ने शाहपुर ब्लाक में 20 गावो में बाड़ी परियोजना के तहत ग्रामीणों के घर पर काजू ,आम नीबू और केले रोपे थे कुछ जगह काजू के अब पेड़ तो बन गए है पर हालात ढाक के तीन पान जैसे ही है फल तो नही मिल रहे पर छाव जरूर दे रहे है।परन्तु इन पेड़ों को बैतूल का उद्यानिकी विभाग अपनी उपलब्धि बताकर बड़े अधिकारियों को बाड़ी परियोजना के रोपे गए काजू के पेड़ दिखा कर अपनी पीठ खुद ही थपथपा रहा है ।
उद्यानिकी विभाग में लगाये जा रहे काजू के पौधे विभाग में अधिसूचित है भी या नही है इस बात का जवाब विभाग के आला अधिकारियों के पास नही है वही जो फलदार पौधे विभाग रोप रहा है उसमें तोतापरी आम भी अधिसूचित नही है फिर भी बड़े पैमाने पर खरीदी कर किसानों को दिए जा रहे है ।
।।बांझ हो गए काजू के बगीचे।।
जब वन विभाग के जिला मुख्यालय के वन विद्यालय में लगे काजू के पेड़ फल नही दे रहे है वही देवपुर कोटमी के वन विभाग के प्लांटेशन में आज तक काजू के पेड़ फल नही दे रहे है तो उद्यानिकी विभाग के काजू के पौधे फल देंगे या नही यह तो भविष्य के गर्भ में है ।आखिर लाभ का धंधा समझ कर किसान भी विभाग से मुंगेरीलाल के सपने मुफ्त में खरीदकर अपनी बेबसी पर खून के आंसू बहा रहा है।
अंजना मिश्रा