सत्तर साल बाद लहराएगा तिरंगा
VIJYA Pathak
370 धारा 70 साल बाद खत्म
मोदी सरकार की ऐतिहासिक उपलब्धि
केन्द्र की मोदी सरकार के लिये 05 अगस्त 2019 का दिन स्वर्णिम अक्षरों में अंकित हो गया है। इस दिन सरकार ने एक अभूतपूर्व] अकल्पनीय और अद्भुत फैसला लेकर देशवासियों के दिलों पर राज कायम कर लिया है। निश्चित ही पिछले 70 सालों से जिस कानून के चलते जम्मू कश्मीर हर दिन आतंक से जल रहा था, अशांत था] उस 370 धारा को जम्मू-कश्मीर से हटा लिया गया है। इसके चलते अब सारे देश में एक झण्डा] एक विधान कायम हो गया है। यह मोदी सरकार का साहसिक कदम है, जिसका पूरे देश सहित जम्मू-कश्मीर में भी स्वागत किया जा रहा है। वाकई मोदी सरकार के लिये यह ऐतिहासिक उपलब्धि है। उपलब्धि के साथ-साथ अब सही मायने में निश्चित हुआ है कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है। इसके साथ ही राज्य पुनर्गठन बिल भी पास होने से जम्मू-कश्मीर और लद्दाख अब दो हिस्सों में बंट गया है। जम्मू कश्मीर, लद्दाख अलग केंद्र शासित प्रदेश होगा। स्वतंत्रता के समय जम्मू कश्मीर भारत के गणराज्य में शामिल नहीं था, लेकिन उसके सामने तो विकल्प थे वह या तो भारत या फिर पाकिस्तान में शामिल हो जाए। उस समय कश्मीर की मुस्लिम बहुल जनसंख्या पाकिस्तान से मिलना चाहती थी लेकिन राज्य के अंतिम महाराजा हरिसिंह का झुकाव भारत के प्रति था। हरिसिंह ने भारत के साथ एक इंस्ट्रूमेंट ऑफ एक्सेशन नामक दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए थे। इसके बाद भारतीय संविधान की धारा 370 के तहत जम्मू कश्मीर को एक विशेष राज्य का दर्जा दिया गया था। तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने शेख अब्दुल्ला को जम्मू-कश्मीर का प्रधानमंत्री बनवा दिया था। कश्मीर में अनुच्छेद 370 निष्प्रभावी होने के साथ ही बीजेपी और संघ का सबसे बड़ा अजेंडा पूरा हो गया है। यह बीजेपी के चुनावी घोषणा पत्र का भी हिस्सा रहा है और संघ की सबसे बड़ी डिमांड भी रही है। अब एक देश में दो प्रधान] दो संविधान नहीं हो सकते।