Breaking
24 Nov 2024, Sun

राष्ट्रीय राजमार्ग पर सुरक्षा हेतु लगाई लोहे की रैलिंग जगह जगह धवस्त बिजली पोल भी हुए आडे 

 अरुण कुमार शेंडे

रायसेन ऐतिहासिक नगर सांंची वैसे तो इस स्थल से गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग पर सुरक्षा की दृष्टि से लगाई गई लोहे की रैलिंग वाहनों की चपेट में आकर ध्वस्त हो चुकी है तो कुछ स्वार्थी लोगों द्वारा रैलिंग निकाली जाकर गायब कर दी गई है तो राष्ट्रीय राजमार्ग पर नगर को रोशन करने लगाये गए बिजली पोल भी आडे हो चले इस से कभी भी कोई घटना घटित होने का अंदेशा बढ गया है इस ऐतिहासिक स्थल से राष्ट्रीय राजमार्ग को निकाला गया है लगभग पांच वर्ष पूर्व यह मार्ग करोडों रुपये खर्च कर निर्मित किया गया था इस राष्ट्रीय राजमार्ग पर छोटे एवं पैदल चलने वाले लोगों के लिए रोड के दोनों ओर सर्विस रोड बनाए गए थे इन सर्विस रोडो को अतिक्रमण के चलते विभाग पूर्ण नहीं करा सका था जो आज भी अधूरे दिखाई दे जाते है इन सर्विस रोडो को भी अतिक्रमण ने अपनी चपेट में ले रखा है जिससे इन सर्विस रोडो पर चलना मुश्किल हो गया है इस राष्ट्रीय राजमार्ग पर लोगो को सुरक्षा उपलब्ध कराने एव दुर्घटना रोकने के लिए मुख्य राष्ट्रीय राजमार्ग एवं सर्विस रोडो के बीच लोहे की मजबूत रैलिंग लगाई गई थी तथा इस रोड को रोशन करने निर्माण विभाग द्वारा स्ट्रीट लाइट के पोल खडे किये गए थे जिससे इस नगर को रोशन किया जा सके परन्तु जैसे जैसे समय गुजरा समय के साथ निर्माण विभाग भी इस ऐतिहासिक स्थल पर निर्मित रोड को भूल गया अनेक स्थानों पर लोहे की रैलिंग वाहनों की चपेट में आकर तहसनहस हो गई तो शेष रही रैलिंग स्वार्थी लोगों के स्वार्थ की भेंट चढ़ गई तथा रोडो से अपने आप ही गायब हो गई इससे सरकारी लाखों करोड़ों राशि को पलीता लग गया परन्तु राष्ट्रीय राजमार्ग विभाग ने न तो इस रैलिंग को ढूंढने न ही रैलिंग गायब होने पर कोई नियमानुसार कार्रवाई करने की हिम्मत ही जुटाई जिससे सरकारी राशि को पलीता लग गया इस मामले में कहीं न कहीं विभाग के कर्ता धर्ताओ पर सवाल खड़े हो रहे है इसके साथ ही रोड पर रोशन करने लगाये गए बिजली पोल भी विभाग की लापरवाही के चलते रोशन होना बंद हो चुके हैं अनेक बार इन्हें रोशन करने इसमे डाली गई घटिया केलव की अदला बदली होने के बाद भी अंधेरे से छुटकारा नहीं दिला सकी इसके साथ ही बिजली पोल लंबे समय से आडे तिरछे हो चुके हैं यहाँ तक कि मुख्य स्तूप चौराहा जहाँ से नागरिक तो गुजरते ही है बल्कि देशी विदेशी पर्यटकों का भी आनाजाना लगा रहता है कब किस पर गिर जाये कहा नहीं जा सकता है ऐसा भी नहीं है कि इस स्थल पर इन सब से प्रशासनिक अधिकारी बेखबर हो परन्तु अधिकारी भी इन अव्यवस्था की सुध नहीं ले सके वैसे तो स्थानीय प्रशासन अपने स्तर पर इस नगर की व्यवस्था को देखने का जिम्मा उठाये हुए हैं परन्तु वह अपनी ही समस्या को हल नही कर पाता तब अन्य विभाग द्वारा उपलब्ध कराई सुविधाओं की कैसे सुध लेने की जहमत उठा पायेगा तब आसानी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस विख्यात स्थल पर बडी बडी विकास की पोलों के उपलब्ध कराई गई सुविधाओं को आसानी से तहसनहस होते देखा जा सकता है हालांकि इस माह के अंतिम दिनों में बौद्ध वार्षिकोत्सव की तैयारी शुरू तो की जा चुकी हैं परन्तु बेहाल हुई इस अव्यवस्था की ओर किसी को सुध लेने की फुरसत नहीं मिल पा रही हैं

By archana

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *