सागर में हुई इन्वेस्टर्स समिट के फर्जीवाड़े पर पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव ने उठाए कई सवाल: सरकार से मांगे जवाब

एक ही काम के लिए एक कंपनी से दो बार हुए करार को लेकर सागर जिले की जनता की आंखों में धूल झोंकने का लगाया आरोप

सागर / भारत सरकार के पूर्व केंद्रीय मंत्री और मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष अरुण यादव ने पिछले दिनों सागर में संपन्न हुई इन्वेस्टर्स समिट को लेकर भाजपा की मोहन सरकार पर फर्जीवाड़ा किए जाने का आरोप लगाते हुए कई सवाल उठाए हैं और सरकार से उन पर जवाब भी मांगा है। उन्होंने एक ही काम के लिए एक कंपनी से दो बार करार किए जाने का मामला उठाते हुए सागर जिले की जनता की आंखों में धूल झोंकने का आरोप लगाया है।

पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव ने सोशल मीडिया के अपने अकाउंट ‘X’ पर ट्वीट के माध्यम से 2 तस्वीरें जारी करते हुए लिखा है कि 5 अक्टूबर 2023 को खुरई में हुए इन्वेस्टर्स समिट में एक कंपनी ने एमओयू साइन किया और खुरई में 1200 करोड़ का डेटा सेंटर बनाने की बात कही गई थी। लेकिन अब उसी कंपनी ने इसी काम के नाम पर 27 सितंबर 2024 को सागर में हुए रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में फिर एमओयू साइन किया और 1700 करोड़ का डेटा सेंटर सुरखी में बनाने की बात की गई है।
इस पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा है कि एक ही कंपनी 2 – 2 बार एमओयू साइन कर रही है। इस बात से पर उन्होंने कहा कि इन्वेस्टर्स समिटों में गड़बड़ी तो सुनी थी लेकिन अब तो एमओयू में भी सरकार ने गड़बड़झाला कर दिया है।
प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अरुण यादव ने सागर जिले की जनता की आंखों में धूल झोंकने का आरोप लगाते हुए इन्वेस्टर समिट को लेकर सरकार पर एक साथ कई सवाल दागे हैं। उन्होंने कहा है कि क्या मप्र सरकार सिर्फ एमओयू साइन करवाकर मीडिया में बनी रहेगी या जमीन पर कुछ काम करेगी ? क्या सरकार एक वर्ष में डेटा सेंटर कंपनी के लिए भूमि आवंटित नहीं कर पाई ? उन्होंने सरकार से पूछा है कि अगर खुरई में भूमि आवंटित हो गई तो सुरखी जाने की क्या ज़रूरत आ पड़ी ? उन्होंने आशंका व्यक्त करते हुए पूछा है कि क्या भाजपा नेताओं की आपसी खींचतान की वजह से खुरई में खुलने वाला डेटा सेंटर अब सुरखी पहुंच गया है ? क्या अभी भी मप्र सरकार में अफसरशाही हावी है ?

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