मध्यप्रदेश के अशोकनगर जिले से भारतीय जनता पार्टी के एक नेता को डिजिटल अरेस्ट करने का मामला सामने आया है, जिसमें सायबर ठगो की बातों में उलझकर लगभग दो से 3 घंटे तक कमरे में बंद रहे। गनीमत रही कि परिजनों को किसी अनहोनी का शक होने के चलते उन्होंने पुलिस को खबर की और पुलिस ने उन्हें ठगी का शिकार होने से बचा लिया।
जानकारी के मुताबिक अशोकनगर में निवास करने वाले भाजपा के जिला मीडिया प्रभारी हरवीर सिंह रघुवंशी सायबर ठगों के स्कैम डिजिटल अरेस्ट का शिकार हुए हैं जो कि लगभग 3 घंटे तक एक कमरे में बंद रहे। बताया जा रहा है कि पहले उन्हें ऑडियो और फिर वीडियो कॉल पर डिजिटल अरेस्ट रखा गया।
डिजिटल अरेस्ट का शिकार हुए भाजपा नेता हरवीर सिंह रघुवंशी के मुताबिक पहले उनके पास ऑडियो कॉल आया और उन्हें बताया गया कि उनके ऊपर 17 एफआईआर दर्ज है। इसकी कॉपी भी उन्हें दिखाई गई और उनके खाते में गैरकानूनी ट्रांजैक्शन से संबंधित बातें भी उन्हें बताई गई। वीडियो कॉल पर मौजूद सायबर ठग अपने आपको मुंबई का बता रहे थे और ठगों के पुलिस वर्दी में होने के कारण वे उनकी बातों में उलझते गए। घंटों तक एक ही कमरे में कैद रहे। उनका दरवाजा न खुलने पर परिजनों ने पुलिस को सूचना दी और पुलिस ने उन्हें डिजिटल अरेस्ट स्कैम से छुड़ा लिया। वे ठगी का शिकार होने से बच गए, वहीं उन्होंने पूरे मामले की शिकायत लिखित में पुलिस को करने की बात भी कही है।
पुलिस अधिकारी एडिशनल एसपी गजेंद्र सिंह के मुताबिक यह मामला कोतवाली पुलिस के संज्ञान में है। जिन्हें पुलिस ने डिजिटल अरेस्ट स्कैम से आजाद कराया है। यदि उनके द्वारा इस मामले की शिकायत की जाएगी तो कार्रवाई की जाएगी।
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