देवास जिले के सतवास में शनिवार को पुलिस हिरासत में एक युवक की संदिग्ध हालत में मौत हो गई। शनिवार देर रात थाने का घेराव करने के बाद गुस्साए परिजन रविवार को भी धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। कांग्रेस और आजाद समाज पार्टी के नेता भी परिजन के साथ धरने पर बैठे हैं।
परिजन की मांग है कि 25 लाख रुपए मुआवजा, मृतक के दो बच्चों के नाम पर 11 एकड़ जमीन और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए। वहीं धरने में शामिल होने आए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने पूरे थाना स्टॉफ को बर्खास्त करने की मांग की। उन्होंने कहा कि जब तक एक्शन नहीं होता वे नहीं उठेंगे।
इससे पहले पुलिस ने कुछ परिजन और आजाद समाज पार्टी के नेता सुनील अस्ते के साथ थाने के अंदर बातचीत की। एडिशनल एसपी ने उन्हें समझाया कि हर स्तर पर जांच हो रही है। सतवास थाना प्रभारी आशीष राजपूत को सस्पेंड कर दिया गया है। सारी कार्रवाई गाइडलाइन के अनुसार ही होगी।
पुलिस, परिजन को शव का पोस्टमॉर्टम करवाने के लिए राजी करवाने में लगी है। परिजन को वो कमरा भी दिखाया गया जहां मुकेश ने फांसी लगाई थी। पुलिस ने कुछ सीसीटीवी फुटेज भी दिखाए हैं। कमरा और वह खिड़की देखने के बाद परिजन असंतुष्ट दिख रहे हैं। उनका कहना है कि 5 फीट की खिड़की में फांसी लगाना संभव नहीं है।
दरअसल, मालागांव के रहने वाले मुकेश पिता गबूलाल लोंगरे (35) के खिलाफ एक महिला ने 26 दिसंबर को मारपीट और गाली-गलौज की शिकायत की थी। इसी मामले में पुलिस ने शनिवार दोपहर में मुकेश को हिरासत में लिया था। शाम को ही उसकी मौत हो गई।
मुकेश के भांजे शिवराम ने पुलिस पर रिश्वत लेने और हत्या करने का आरोप लगाया। शिवराम ने बताया कि शनिवार शाम 4 बजे दो पुलिसकर्मी मामा को हमारे सामने लेकर गए थे। हमारे सामने ही उनके साथ मारपीट की गई। थाने पहुंचे तो ASI सिद्धनाथ सिंह बैस ने 6 हजार रुपए की रिश्वत मांगी। हम पैसे लेकर लौटे तो मामा को मृत हालत में अस्पताल ले जाया जा रहा था।
कांग्रेस ने की थाना स्टॉफ को बर्खास्त करने की मांग पुलिस कस्टडी में युवक की मौत के मामले ने राजनीतिक रंग भी ले लिया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी और पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा परिजन के धरना प्रदर्शन में शामिल हुए। जीतू पटवारी ने थाना के पूर्व स्टॉफ को बर्खास्त करने की मांग की।
जीतू पटवारी ने कहा कि पूरा थाना जब तक बर्खास्त नहीं होता मैं यहां से नहीं उठने वाला, चाहे पुलिस मुझे जेल में डाल दे। मैं वहां भी बिना कुछ खाए आमरण अनशन करूंगा।
परिजन ने लगाया पैसे मांगने का आरोप मुकेश के परिजन ने आरोप लगाया कि पुलिसवालों ने धाराएं कम करने की एवज में 6 हजार रुपए मांगे थे। मुकेश के साथ थाने में मौजूद एक साथी रुपए की व्यवस्था करने घर गया था। पैसे लेकर वह लौटा तब तक मुकेश की मौत हो गई थी। पुलिस ने बिना जानकारी दिए मुकेश के शव को सतवास अस्पताल की मॉर्च्युरी में रखवा दिया और बाहर से ताला लगा दिया।
शनिवार रात को भी परिजन का हंगामा मुकेश के परिजन और भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं ने शनिवार रात को भी थाने पहुंचकर हंगामा किया था। बाद में मामला बिगड़ते देख आसपास के थानों से भी पुलिस बल बुलाया गया।