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27 Jan 2025, Mon

महाकुंभ में योगी ने भंडारे में भोजन परोसा:संतों से बोले- बांटने वाली ताकतों से सावधान रहें, यहां से सनातन धर्म की एकता का संदेश जाना चाहिए

प्रयागराज :सीएम योगी शनिवार को प्रयागराज में थे. इस दौरान उन्होंने अखिल भारतवर्षीय अवधूत भेष बारह पंथ योगी महासभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जहां भी भारत की सनातन संस्कृति पहुंची है, वहां के लोगों ने इसे स्वीकार किया है, सम्मान दिया है. लाओस, कंबोडिया, थाईलैंड में जाइए तो लोग कहेंगे हमारे पूर्वज भगवान बुद्ध हैं, भगवान राम हैं. आप दुनिया के किसी भी देश में चले जाइए, लोग भारत की संस्कृति से जुड़ाव महसूस करते हैं.

इससे पहले योगी ने महाकुंभ के श्री कल्याण सेवा आश्रम में श्रृंगेरी शंकराचार्य भारती तीर्थ जी महाराज से मुलाकात की। उन्हें शॉल ओढ़ाया। फल की टोकरी भेंट की और आशीर्वाद लिया। यहां भंडारे में योगी ने भोजन भी परोसा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जितना सकारात्मक माहौल होता है, उतनी ही चुनौतियां होती हैं. सनातन धर्म एक विराट वट वृक्ष है. इसे हमें बचाकर रखना है. योगी आदित्यनाथ ने कहा ‘महाकुंभ का संदेश एकता से ही अखंड रहेगा देश’. अगर भारत सुरक्षित रहेगा, तभी सनातन धर्म और हम सब सुरक्षित हैं. भारत सुरक्षित है तो हर संप्रदाय और पंथ सुरक्षित है. अगर भारत के पर कोई संकट आता है तो सनातन धर्म पर संकट आएगा. सनातन धर्म पर संकट आएगा तो भारत के अंदर कोई भी पंथ या संप्रदाय नहीं बचेगा. अपने आप को सुरक्षित नहीं महसूस करेगा. संकट की नौबत न आने पाए, इसके लिए एकता का संदेश दे रहा है महाकुंभ. अखंडता का संदेश महाकुंभ दे रहा है. इसी पवित्र भाव के साथ महाकुंभ का आयोजन किया जा रहा है.

योगी आदित्यनाथ ने आगे कहा कि दुनिया में ऐसे कितने देश हैं, जो 45 करोड़ लोगों को अस्थाई शहर में आमंत्रित कर एकता का संदेश दे रहे हैं. यहां पर कोई भूखा नहीं सो सकता है. किसी भी अखाड़े में जाएंगे, किसी भी शिविर में जाएंगे, वहां पर 2 जून की रोटी जरूर मिलेगी. आसरा भी मिलेगा और प्रसाद भी प्राप्त हो जाएगा. यह सनातन धर्म ही दे सकता है. लाखों-करोड़ों लोग महाकुंभ में आ रहे हैं. कोई चिंता नहीं है. यहां कोई भूखा नहीं सो सकता. कहां सोना है? क्या खाना है? कैसे जाना है? कोई चिंता नहीं, बस उठाया बैग और पहुंचे गए स्नान करने महाकुंभ. यह है सनातन धर्म की ताकत. यहां कोई जाति नहीं पूछ रहा आपकी. कोई पंत और संप्रदाय नहीं पूछ रहा है. स्वामी अवधेशानंद गिरि जी महाराज के शिविर में ही अकेले 50 देशों के प्रतिनिधि रह रहे हैं. महाकुंभ में अलग-अलग तरह के धार्मिक आयोजन चल रहे हैं. वैदिक मंत्रों, जप और तप से पूरा महाकुंभ क्षेत्र दिव्य अनुभूति करा रहा है.

By archana

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