अरुण कुमार शेंडे
रायसेन छठ व्रत माताएं अपनी संतान की लंबी आयु और सुखी जीवन की कामना से रखती हैं वहीं ये व्रत संतान प्राप्ति की इच्छा रखने वाली महिलाओं के लिए भी खास माना जाता है इस पर्व में सूर्य देव और छठी मैया की अराधना की जाती है कार्तिक मास की चतुर्थी तिथि नहाय खाय से लेकर सप्तमी तिथि उगते सूर्य को अर्घ्य देने तक छठ पर्व मनाया जाता है इस दौरान भगवान भास्कर और छठी मैया की पूजा अर्चना की जाती है छठ पूजा खास तौर पर संतान की कामना और लंबी उम्र के लिए की जाती है छठी मैया सूर्यदेव की बहन हैं और इस पर्व पर इन दोनों की ही पूजा अर्चना की जाती है पुराणों के अनुसार जब ब्रह्म देव सृष्टि की रचना कर रहे थे तब उन्होंने खुद को दो भागों में विभाजित कर लिया था. एक भाग पुरुष और दूसरा प्रकृति बना इसके बाद प्रकृति ने भी खुद को 6 भागों में विभाजित कर लिया जिसमें से एक भाग छठी मईया हैं. इस तरह छठी मैया देवी मां का छठा अंश हैं और उन्हें प्रकृति की देवी कहा जाता है