भोपाल। जान है तो जहान है की महत्ता को प्रतिपादित करते हुए शरीर को स्वस्थ रखने के लिए एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। “विजार्ड्स ऑफ साउंड” कार्यक्रम में भाग लेना बेहद खास और ज्ञानवर्धक रहा। यह कार्यक्रम केंद्रीय एवं अखिल भारतीय सेवा पेंशनर्स एसोसिएशन मध्यप्रदेश के अध्यक्ष नरेंद्र प्रसाद और उपाध्यक्ष की पहल पर आयोजित किया गया था, जिसकी मेजबानी महासचिव रवींद्रनाथ सक्सेना ने अत्यंत कुशलता और गरिमा के साथ की। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य ध्वनि तरंगों के माध्यम से रोगों के उपचार की एक प्राचीन लेकिन वैज्ञानिक विधा को समझना और उसके प्रभावों पर चर्चा करना था।
ध्वनि तरंगों के माध्यम से उपचार :
देश की जानीमानी साउंड हीलर डॉ आरती सिन्हा ने कहा कि एक प्राचीन एवं वैज्ञानिक दृष्टिकोण कार्यक्रम के दौरान यह बताया गया कि ध्वनि चिकित्सा कोई नई अवधारणा नहीं है, बल्कि प्राचीन काल से ही इसका उपयोग शरीर और मन को संतुलित करने के लिए किया जाता रहा है। कई ऐतिहासिक ग्रंथों और आयुर्वेदिक सिद्धांतों में ध्वनि के उपचारात्मक प्रभावों का उल्लेख मिलता है। आधुनिक विज्ञान भी यह मानता है कि विभिन्न आवृत्तियों की ध्वनि तरंगें शरीर की ऊर्जा प्रणाली को संतुलित कर सकती हैं और कई मानसिक एवं शारीरिक रोगों में राहत प्रदान कर सकती हैं।
विशेष प्रकार की ध्वनि चिकित्सा पर चर्चा :
कार्यक्रम के दौरान साउंड हीलर डॉ. आरती सिन्हा और उनकी “डब्ल्यूओएस” टीम ने विशेष प्रकार की ध्वनि चिकित्सा पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने यह बताया कि कैसे अलग-अलग ध्वनि उपकरणों जैसे कटोरे, जल तरंग, ट्यूनिंग फोर्क, घंटियां, झंकार और मंत्रों के माध्यम से उत्पन्न ध्वनि तरंगें मानव शरीर और मस्तिष्क को गहराई से प्रभावित कर सकती हैं।
ध्वनि चिकित्सा कई विकारों में प्रभावी:
ध्वनि चिकित्सा के इस सत्र में यह बताया गया कि विशेष ध्वनि आवृत्तियाँ हमारे शरीर की आंतरिक ऊर्जा को संतुलित करती हैं। कटोरे और जल तरंगों से उत्पन्न ध्वनि कंपन कोशिकाओं में गहराई तक जाकर तनाव को कम करने और रक्त संचार को बेहतर बनाने में मदद करता है। ट्यूनिंग फोर्क और विशिष्ट मंत्रों का प्रयोग शरीर की ऊर्जा केंद्रों (चक्रों) को संतुलित करने और मानसिक शांति प्राप्त करने के लिए किया जाता है।
ध्वनि चिकित्सा विशेष रूप से तनाव, चिंता, अनिद्रा, उच्च रक्तचाप और भावनात्मक असंतुलन जैसे विकारों में प्रभावी साबित हो सकती है।
प्रतिभागियों का अनुभव और प्रतिक्रिया :
कार्यक्रम में भाग लेने वाले सभी प्रतिभागियों ने इस अनूठी और ज्ञानवर्धक प्रस्तुति को बेहद प्रभावशाली बताया। ध्वनि चिकित्सा का व्यावहारिक अनुभव लेते हुए कई लोगों ने महसूस किया कि ध्वनि कंपन से उनके शरीर और मन में एक सकारात्मक ऊर्जा प्रवाहित हो रही है। कुछ प्रतिभागियों ने साझा किया कि इस सत्र के दौरान उन्हें गहरी शांति और तनाव में कमी का अनुभव हुआ।
यह कार्यक्रम न केवल ध्वनि चिकित्सा के विज्ञान को समझाने में सफल रहा, बल्कि इसने यह भी उजागर किया कि प्राकृतिक और वैकल्पिक उपचार विधियाँ आधुनिक चिकित्सा के साथ मिलकर मानव स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में अहम भूमिका निभा सकती हैं।
डॉ आरती सिन्हा ने कहा कि इस आयोजन ने यह स्पष्ट कर दिया कि ध्वनि चिकित्सा न केवल एक प्राचीन परंपरा है, बल्कि वैज्ञानिक रूप से भी प्रभावी है और इसके महत्व को व्यापक रूप से अपनाने की आवश्यकता है। विजार्ड्स ऑफ साउंड” कार्यक्रम एक अद्भुत पहल रही, जिसने ध्वनि के माध्यम से उपचार की अनंत संभावनाओं के प्रति जागरूकता बढ़ाने का कार्य किया।