प्रयागराज। एक ओर महाकुंभ की भव्यता की चर्चा हो रही है, तो वहीं दूसरी ओर इस पर सियासत भी जारी है। साधु-संतों में भी दो खेमे बट गए हैं। मौनी अमावस्या में मची भगदड़ के बाद शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सीएम योगी की जमकर आलोचना कर रहे हैं। उन्होंने तो सीएम योगी से इस्तीफा तक मांग लिया है। वहीं दूसरी ओर संत दिनेश फलहारी ने अब सीएम योगी को खून से पत्र लिख दिया है। अपने पत्र में उन्होंने योगी जी से शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद को महाकुंभ से बाहर निकालने की मांग की है।
फलहारी बाबा ने आरोप लगाया कि यह चांदी के सिंहासन पर बैठकर सरकारी सुविधा लेकर विपक्षी पार्टियों की भाषा बोल रहे हैं। इसके अलावा उन्होंने पत्र में लिखा कि जब तक योगी जी हैं, तब तक ही हिंदू सुरक्षित हैं। हम इनको खोना नहीं चाहते हैं।
कुंभ को बदनाम करने की साजिश
पत्र में उन्होंने लिखा कि 56 इस्लामिक राष्ट्र और विपक्षी पार्टियां मिलकर कुंभ को बदनाम करने में लगी हुई हैं। यह संत अविमुक्तेश्वरानंद विपक्षी पार्टियों की भाषा बोल रहे हैं। इसके अलावा उन्होंने पत्र में लिखा कि सभी तेरह अखाड़ों ने इनका विरोध करना शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि योगी आदित्यनाथ हिंदू हृदय सम्राट हैं । इनको इस्तीफा नहीं देने देंगे। इन्होंने तब इस्तीफा नहीं मांगा जब रामभक्तों पर गोलियां चलाई गई थीं। हिंदुओं के अराध्या श्री राम को काल्पनिक बताया गया, तब इस्तीफा क्यों नहीं मांगा।
कौन हैं फलहारी बाबा
आपको बता दें कि यह वही दिनेश फलहारी है जिन्होंने प्रण लिया था कि जब तक कृष्ण जन्मभूमि मंदिर से ईदगाह मस्जिद नहीं हटाई जाती तब तक वह अन्न ग्रहण नहीं करेंगे। इसी वजह से वह तब से फलाहार पर जीवन यापन कर रहे हैं, जिसकी वजह से उनका नाम दिनेश फलहारी पड़ा।