उत्तर प्रदेश के आगरा में पंचायत राज सम्मेलन में भाजपा के दो विधायक नाराज हो गए. विधायकों के नाराज होने की वजह यह थी कि उन्हें मंच पर जगह नहीं दी गई. इस घटना के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं. इसमें विधायक चौधरी बाबूलाल और विधायक छोटेलाल वर्मा आयोजक पर नाराज हो रहे हैं. तीसरे विधायक पुरुषोत्तम खंडेलवाल दोनों विधायकों को समझाने की कोशिश करते नजर आ रहे हैं. विधायक बाबूलाल और छोटेलाल वर्मा कह रहे हैं कि क्या ये कोई तरीका है? छोटेलाल वर्मा कहते हैं कि हम पांच बार के विधायक हैं और तीन बार, एक बार के विधायक ऊपर बैठेंगे.
साथ ही विधायक छोटेलाल कह रहे हैं कि सरकार में सभी को बराबर सम्मान मिलना चाहिए. विधायक चौधरी बाबूलाल मंच पर बैठे केंद्रीय राज्य मंत्री एसपी सिंह बघेल से कह रहे हैं कि क्या हम विधायक नहीं हैं, हमें बताइए मंत्री जी. वीडियो में एसपी सिंह बघेल की आवाज सुनाई दे रही है और वह कहते हैं कि मैं समस्या का समाधान करूंगा. वहीं, विधायक चौधरी बाबूलाल कह रहे हैं कि हम जा रहे हैं और बहिष्कार कर रहे हैं.
बता दें कि पंचायत राज विभाग ने फतेहाबाद रोड स्थित ताज होटल एंड कन्वेंशन सेंटर में मंगलवार 19 नवंबर को पंचायत सम्मेलन आयोजित किया था. कार्यक्रम में केंद्रीय राज्य मंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल को मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया गया था. प्रदेश सरकार में मंत्री ओम प्रकाश राजभर विशिष्ट अतिथि के तौर पर आए थे.
सम्मेलन में राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष बबीता चौहान, जिला पंचायत अध्यक्ष मंजू भदौरिया और विधायक रानी पक्षालिका सिंह को मंच पर जगह दी गई थी. विधायक छोटेलाल वर्मा, विधायक चौधरी बाबूलाल और विधायक पुरुषोत्तम खंडेलवाल को मंच पर जगह नहीं दी गई. इस पर दोनों विधायक बाबूलाल और छोटेलाला वर्मा काफी नाराज हो गए. कार्यक्रम के बीच में ही दोनों विधायकों ने आयोजकों को खूब खरी-खोटी सुनाई. बाबूलाल ने कार्यक्रम का बहिष्कार करने की बात तक कह दी. मामला बढ़ता देख विधायक पुरुषोत्तम खंडेलवाल ने दोनों विधायकों को शांत कराया.
मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने दी सफाई
घटना पर उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने भाजपा के दो विधायकों के मंच पर स्थान न मिलने के विवाद पर सफाई दी. उन्होंने कहा कि इस मामले में कोई बड़ा मसला नहीं था, बल्कि समस्या केवल मंच की जगह की थी. उन्होंने बताया कि आयोजन में 35 से ज्यादा विधायकों को निमंत्रण दिया गया था, जबकि मंच छोटा था. इस वजह से विधायकों को नीचे सोफे पर बैठने की व्यवस्था की गई थी. मंत्री ने यह भी कहा कि महिला विधायकों को मंच पर स्थान देने का कोई विरोध नहीं था, क्योंकि महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण है और इसमें कोई अपमान की बात नहीं है.