सुनील शर्मा
उरई । सुशासन सप्ताह, “प्रसाशन गांव की ओर” के तहत मिशन निदेशक, नेशनल वाटर मिशन, जल शक्ति मंत्रालय, भारत सरकार अर्चना वर्मा ने जिलाधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय के साथ जल संचयन और जल संरक्षण के महत्व को समझाने के उद्देश्य से ग्राम चमारी में स्थित चैकडेम और तालाब का निरीक्षण किया। इस अवसर पर उन्होंने वृक्षारोपण भी किया और ग्रामीणों को जल संरक्षण के प्रति जागरूक किया।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने 2021 में जल संचय को बढ़ावा देने के लिए कैच द रेन अभियान का ऐलान किया। यह अभियान जल संरक्षण और जनभागीदारी को जन आंदोलन में बदलने की एक महत्वपूर्ण पहल है।उन्होंने अमृत सरोवर तालाब पर ग्रामीणों की उपस्थिति में जल शपथ दिलाई, जिसमें उन्होंने जल के महत्व को समझते हुए इसे बचाने की प्रतिज्ञा ली। उन्होंने कहा कि जल संचयन केवल एक तकनीकी प्रक्रिया नहीं है, बल्कि यह एक सामाजिक आंदोलन का रूप ले चुका है। उन्होंने बताया कि जब तक लोग खुद से जल संचयन की प्रक्रिया में भाग नहीं लेंगे, तब तक जल संकट का समाधान संभव नहीं है। उन्होंने जल संचयन और संरक्षण में जन भागीदारी को अहम बताते हुए कहा कि यह कदम जल संकट को कम करने में प्रभावी सिद्ध होगा। उन्होंने ग्रामीणों से अपील की कि वे जल का अधिकतम उपयोग करते हुए जल के संरक्षण के उपायों को अपनाएं। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि जल के स्रोतों का संरक्षण और पुनरुद्धार न केवल हमारे लिए बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी आवश्यक है। उन्होंने वृक्षारोपण के दौरान कहा कि पेड़-पौधे जलवायु परिवर्तन और जल संकट से निपटने में सहायक होते हैं, और हर व्यक्ति को इस दिशा में कदम उठाना चाहिए। उन्होंने ग्रामीणों को जल के संरक्षण के साथ-साथ वृक्षारोपण के महत्व को भी समझाया।
उन्होंने ग्रामीणों में जल संरक्षण को लेकर जागरूकता पैदा की और उन्हें जल संकट के समाधान के लिए सामूहिक प्रयासों में भाग लेने के लिए प्रेरित किया।
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी राजेन्द्र कुमार श्रीवास, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट, उप जिलाधिकारी नेहा ब्याडवाल, जिला पंचायत राज अधिकारी राम अयोध्या प्रसाद, ग्राम प्रधान सहित ग्रामीण जन मौजूद रहे।