UP News Today: एक ही तख्त पर दोनों का झुलसा हुआ शव मिला है। सौतेले बेटे, जेठ सहित आठ आरोपियों पर हत्या और साक्ष्य मिटाने का आरोप लगाया है। पिता की जमीन वसीयत करने को लेकर परिवार में काफी दिनों से खींचतान चल रही थी।
उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले के कप्तानगंज थानाक्षेत्र के सेंठा गांव में दिल दहलाने वाली घटना सामने आई है। जिसमें 58 वर्षीय मां और 24 वर्षीय बेटी की हत्या करके कमरे में आग लगा दी गई। बुधवार सुबह एक ही तख्त पर दोनों का झुलसा हुआ शव मिला। जमीन को लेकर चल रहे विवाद के बीच यह घटना सामने आने के बाद गांव में सनसनी फैल गई।
मृतका की बड़ी बेटी ने थाने में अपने चचेरे भाई, बड़े पिता और उनके परिवार के अन्य सदस्यों सहित आठ आरोपियों के खिलाफ तहरीर दी। पुलिस हत्या और साक्ष्य नष्ट करने के प्रयास का केस दर्ज कर लिया है। मौके पर पहुंचे एसपी गोपाल कृष्ण चौधरी ने बताया कि जमीन को लेकर पारिवारिक विवाद को लेकर घटना होने की बात बताई जा रही है। घटना के पर्दाफाश के लिए स्वाट, एसओजी, सर्विलांस सहित चार टीमें लगाई गई हैं।
जानकारी के मुताबिक, सेंठा गांव के अवधेश उपाध्याय की कैंसर के चलते अक्तूबर 2021 में मृत्यु हो गई थी। उनकी दो शादी हुई थी। पहली पत्नी से एक बेटा करुणाकर व बेटी सुधा है। पत्नी की मृत्यु के बाद उन्होंने आशा कार्यकत्री गोदावरी से दूसरी शादी की। जिससे तीन बच्चे सरिता, राजन और सौम्या हैं। बच्चों में सिर्फ सौम्या की शादी नहीं हुई है।
अवधेश ने अविवाहित बेटी की शादी के लिए डेढ़ बीघे जमीन की थी नाम
मृत्यु से पहले अवधेश उपाध्याय ने अपनी पैतृक संपत्ति में से डेढ़ बीघे अविवाहित बेटी की शादी के लिए उसके नाम और बाकी जमीन अपनी पत्नी गोदावरी के नाम कर दिया था। बेटों को संपत्ति में हिस्सा न देने की वजह से परिवार में विवाद होने लगा तो गोदावरी अपनी अविवाहित बेटी सौम्या को साथ लेकर अलग रहने लगी थी। उसका बेटा राजन, सौतेले भाई करुणाकर और बड़े पिता कमलेश उपाध्याय के साथ रहता था।
बड़ी बेटी ने मां को किया था फोन
बुधवार को सुबह गोदावरी की बेटी सरिता ने अपनी मां की मोबाइल पर कॉल करने लगी तो फोन स्विच ऑफ मिला। बहन सौम्या की मोबाइल पर कई बार कॉल किया लेकिन रिसीव नहीं हुआ। इस पर उसने बगल की एक लड़के पास कॉल करके मां से बात कराने को कहा। वह लड़की मोबाइल लेकर गोदावरी से बात कराने गई तो दरवाजा बाहर से बंद था। अंदर से धुआं निकल रहा था। उसने यह बात सरिता को बताई तो उसे अनहोनी का शक हुआ। फौरन उसने अपने मामा व अन्य रिश्तेदारों और पुलिस को सूचित किया। कुछ देर में ही पुलिस पहुंची तो अंदर कमरे में दोनों के शव झुलसी अवस्था में मिले।
आग को लेकर उलझी गुत्थी
कमरे में रसोई गैस सिलेंडर, चूल्हा और एक दीया मिला। देखने से यह स्पष्ट नहीं हो रहा था कि हत्या करने के बाद आग लगाई गई या आग लगाने की वजह से दोनों की झुलसकर मौत हुई। कुछ देर में ही दोनों बेटियां सरिता और सुधा भी पहुंच गईं। दोनों अपने बड़े पिता कमलेश उपाध्याय, सौतेले भाई करुणाकर और उसके परिवार वालों पर हत्या करके आग लगाने का आरोप लगाने लगीं। पुलिस को दिए तहरीर में सरिता ने लिखा है कि जमीन के केस में पांच दिसंबर को उसकी मां गोदावरी और बहन सौम्या का तहसीलदार हर्रैया न्यायालय में बयान होना था। इससे पहले ही दोनों को मौत के घाट उतार दिया गया।