संसद के चालू बजट सत्र का आज चौथा दिन है. राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान अखिलेश यादव ने प्रयागराज महाकुंभ में भगदड़ की घटना से लेकर चीन मुद्दे तक, बीजेपी और सरकार को जमकर घेरा. अखिलेश ने प्रयागराज महाकुंभ में हुई भगदड़ की घटना में मृतकों का आंकड़ा जारी करने की मांग की. लोकसभा और राज्यसभा, दोनों सदनों की कार्यवाही जारी है.
इस दौरान उन्होंने कहा कि न्यूज चैनल से मुझे पता चला कि महाकुंभ में 100 करोड़ लोगों के आने का इंतजाम किया गया था। अखिलेश ने पूछा, तो यह हादसा कैसे हो गया? उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से कहा कि अगर यह बात गलत है तो मैं रिजाइन आपको देना चाहता हूं।
अखिलेश यादव ने कहा, “सरकार लगातार बजट के आंकड़े दे रही है। आंकड़े देने से पहले महाकुंभ में मरने वालों के आंकड़े भी दे… मैं मांग करता हूं कि महाकुंभ की व्यवस्थाओं के बारे में स्पष्टीकरण देने के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई जाए।”
हादसे में मौत, घायलों के इलाज का आंकड़े पेश करे सरकार’
अखिलेश ने कहा कि महाकुंभ आपदा प्रबंधन और खोया-पाया केंद्र की जिम्मेदारी सेना को दी जाए। महाकुंभ हादसे में हुई मौतों, घायलों के इलाज, दवाइयों, डॉक्टरों, भोजन, पानी, परिवहन की उपलब्धता के आंकड़े संसद में पेश किए जाएं।”
‘आंकड़े क्यों दबाए गए, छिपाए गए और मिटाए गए’
सपा प्रमुख ने कहा कि महाकुंभ त्रासदी के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त दंडात्मक कार्रवाई हो और सच्चाई छिपाने वालों को सजा मिले। हम डबल इंजन सरकार से पूछते हैं कि अगर कोई दोष नहीं था तो आंकड़े क्यों दबाए गए, छिपाए गए और मिटाए गए?
अखिलेश ने कहा, “जब पता चला कि कुछ लोगों की जान चली गई है, उनके शव मोर्चरी और अस्पताल में पड़े हैं, तब सरकार ने अपने सरकारी हेलीकॉप्टर में फूल भरकर उन पर पुष्प वर्षा की। यह कैसी सनातनी परंपरा है? भगवान जाने कितने चप्पल, कपड़े और साड़ियां पड़ी थीं और उन सबको जेसीबी मशीन और ट्रैक्टर ट्रॉली से उठवाया गया। कोई नहीं जानता कि उन्हें कहां फेंका गया। सब कुछ छिपाने के लिए ऐसा सुनने में आ रहा है कि कुछ दबाव और कुछ मीठा खिलाया जा रहा है, ताकि उनकी खबर बाहर न आए।”
अखिलेश ने ये भी कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने शोक संवेदना व्यक्त नहीं की। जब देश के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने शोक संवेदना व्यक्त की तो 17 घंटे बाद (राज्य) सरकार ने इसे स्वीकार किया। ये वो लोग हैं जो आज भी सच्चाई को स्वीकार नहीं कर सकते।