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1 Feb 2025, Sat

इन दिनों पुलिस पत्रकार लिखे वाहनों की भरमार अवैध गतिविधियों में रहते लिप्त

अरुण कुमार शेंडे

रायसेन भारत एवं पूरे मध्य प्रदेश व जिले भर में एवं ऐतिहासिक नगरी सांची में इन दिनों नगर सहित क्षेत्र भर मे दुपहिया चार पहिया वाहनों पर अपने बचाव के लिए पुलिस एवं पत्रकार लिखकर चलने का चलन बढ गया है ऐसे वाहनों के अवैध गतिविधियों में शामिल रहने की भी शंका बनी रहती है ऐसे वाहन पुलिस की जांच पडताल से बचने में सफल हो जाते है जानकारी के अनुसार इन दिनों नगर सहित क्षेत्र भर मे दुपहिया चार पहिया वाहनों पर पुलिस अथवा पत्रकार शब्द का उपयोग आम हो चुका है जिसे देखो वही वाहन पुलिस पत्रकार लिखकर धडल्ले से दौडाते दिखाई दे जाते है इतना ही नहीं जो लोग अपने व्यवसाय करते हैं वह भी अपने वाहनों पर पुलिस पत्रकार लिखकर दौडाते दिखाई देते हैं वही हजार ₹2000 देकर अपना पत्रकार का कार्ड भी बनवा लेते हैं एक बार कार्ड बनने के बाद उसके बाद कार्ड नहीं बनता फिर भी सूचना प्रशासन विभाग में यदि एक बार नाम चढ़ जाए तो उस पत्रकार का नाम उस सूची से हटाया नहीं जाता है जिससे अधिकारीयो सहित वसूली अभियान करते रहते हैं वहीं वह पुलिस से बचने में सफल हो जाते है हालांकि अनेक बार पुलिस पत्रकार लिखे वाहनों से अवैध गतिविधियों में शामिल होने की कलई खुल चुकी हैं बताया जाता है जब जब पुलिस की जांच पडताल होती हैं तब ऐसे वाहन चालक अपने आप को पुलिस के रिश्तेदार अथवा पत्रकार बताने से नही चूकते तब पुलिस भी ऐसे वाहनों को बिना जांच पडताल छोड़ देती हैं इनसे न तो पुलिस पूछताछ ही कर पाती हैं न ही ऐसे वाहनों को अपनी जांच के घेरे में लेने से पहले ही छोड देती है जबकि अन्य लोगों के वाहनों की जांच पडताल बडी बारीकी से होती है जबकि ऐसे वाहन चालको का पुलिस एवं पत्रकारिता से दूर दूर तक कोई नाता नहीं रहता है ऐसे गौरखधंधे से यह वाहन चालक पुलिस एवं पत्रकारिता की छवि खराब करने में पीछे नहीं दिखाई देते हैं अधिकांश ऐसे वाहन चालक कहीं न कहीं अवैधानिक गतिविधियों को अंजाम देने मे पीछे नहीं रहते ऐसे वाहन चालक पुलिस की आंखों में धूल झौकने मे सफल हो जाते हैं तथा अपनी सभी जांच से आसानी से छुटकारा पा लेते हैं तब जांच करती पुलिस भी पुलिस व पत्रकार लिखकर चलने वाले वाहनों से न तो उनके कागज ही जांच कर पाती है न ही उनके लाइसेंस की ही जांच हो पाती हैं ऐसे वाहनों पर आरटीओ की भी नजर नहीं पहुंच पाती ऐसे वाहनों पर लिखकर चलने वालों से ही कोई पुलिस तस्दीक कर पाती है पुलिस प्रशासन को पुलिस एवं पत्रकार लिखे वाहनों की विशेष अभियान चलाकर अंकुश लगाने की जरुरत है

By archana

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