महाराष्ट्र की नागपुर सेंट्रल सीट पर जमकर ड्रामा हुआ। खबर है कि कांग्रेस के पूर्व नेता और राज्य सरकार में मंत्री रह चुके अनीस अहमद महज कुछ मिनटों की देरी होने के चलते सीट से नामांकन दाखिल नहीं कर सके। हालांकि, उन्होंने इसके लिए कई परेशानियों का हवाला दिया, लेकिन उनका नामांकन अधिकारियों ने स्वीकार नहीं दिया। नॉमिनेशन प्रक्रिया सुबह 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक चलती है।
अहमद हाल ही में कांग्रेस से 4 दशक पुराना नाता तोड़कर VBA यानी वंचित बहुजन अघाड़ी में शामिल हुए हैं। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कहा, ‘3 बजे की डेडलाइन चूक जाने के कारण रिटर्निंग अधिकारी ने मेरा नामांकन स्वीकार नहीं किया।’ कहा जा रहा है कि सुबह से लेकर नामांकन के अंतिम समय तक अहमद की गैरमौजूदगी के चलते कई तरह की अटकलें लगती रहीं
खबरों के अनुसार, अहमद ने बताया कि उन्होंने रोड बंद होने, वाहन की परेशानी, सुरक्षा प्रोटोकॉल और ऐन मौके पर दस्तावेजों के काम समेत कई परेशानियों का सामना किया है। उन्होंने इस दौरान घुटने में चोट की भी बात कही है। उन्होंने कांग्रेस से निकल वीबीए में जाने के लिए मुंबई यात्रा में समय लगने की भी बात कही है। अखबार के अनुसार, उन्होंने कहा, ‘NOCs लेते, सर्टिफिकेट हासिल करते, राष्ट्रीयकृत बैंकों खाते खुलवाने में मुझे 2:30 बज गए।’
आगे क्या
रिपोर्ट के अनुसार, जानकारों का कहना है कि अब नागपुर सेंट्रल सीट से वीबीए को प्रतिनिधित्व नहीं मिला है, जिसका फायदा कांग्रेस को मिल सकता है। रिपोर्ट के मुताबिक, कई लोग इसे चुनावी मैदान में उतरने से बचने की चाल बता रहे हैं।
कांग्रेस पर बरसे
टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में तीन बार के विधायक अहमद ने कहा कि जिन मुसलमानों और दलितों ने कांग्रेस को लोकसभा में जिताया, अब वे टिकट वितरण के बाद ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने मुसलमानों, दलितों, तेलियों, मछुआरों और हिंदी भाषी आबादी के साथ अन्याय किया है। उन्होंने प्रदेश कांग्रेस पर पक्षपात के आरोप लगाए हैं।
इंटरव्यू के दौरान अहमद से सवाल किया गया कि मुसलमान अब किसको वोट देंगे। इसपर उन्होंने कहा कि मुस्लिम और दलित कांग्रेस से दूर हो गए हैं। उन्होंने कहा कि वे तीसरे मोर्चे के लिए मतदान करेंगे। वीबीए नेता ने कहा कि हमें हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हरियाणा का नतीजा महाराष्ट्र में भी दोहराया जाएगा।
अहमद सोमवार को मुंबई में VBA में शामिल हो गए। पार्टी प्रमुख प्रकाश आंबेडकर की उपस्थिति में अहमद को पार्टी में शामिल किया गया और वीबीए ने राज्य विधानसभा चुनाव में नागपुर मध्य निर्वाचन क्षेत्र से उनकी उम्मीदवारी की घोषणा की।
अहमद ने कहा, ‘मैंने 15 साल तक नागपुर मध्य विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व किया। मैंने देखा कि कांग्रेस ने विदर्भ क्षेत्र में कुछ टिकट बेचे और मुस्लिम, तेली एवं दलित जैसे समुदायों को लगभग कोई प्रतिनिधित्व नहीं दिया गया। मैंने कांग्रेस छोड़ने का फैसला किया क्योंकि वह ‘सोशल इंजीनियरिंग’ करने में विफल रही।’