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5 Feb 2025, Wed

सन 1942 के महान क्रांतिकारी वीर मनीराम अहिरवार के आंदोलन में वीरगति को प्राप्त वीरांगना गौरादेवी कतिया के नाम पर न भवन नहीं कोई पार्क शहीदों की गई उपेक्षा : छोटू भाईजान

मूलचन्द मेंधोनिया पत्रकार भोपाल

चीचली तहसील गाडरवारा जिला नरसिंहपुर,देश की आजादी में कुरबानी देने वाले महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एवं शहीद हुए वीर मनीराम अहिरवार जी के युद्ध के दौरान चीचली में 23 अगस्त 1942 को चीचली गोंडवाना राजमहल की सुरक्षा करते हुए अनुसूचित जाति के अंतर्गत आने वाली कतिया बिरादरी की वीरांगना गौरादेवी कतिया जी के नाम पर नगर में नहीं कोई भवन बना है और न ही उनकी शहादत स्थल पर बनी समाधि पर कोई भी मूर्ति नहीं लगाई है। उनकी समाधि का किसी भी तरह का रखरखाव नहीं किया जाता है।

चीचली नगर के समाजसेवी छोटू भाईजान ने अनुसूचित जाति के अमर शहीद वीर मनीराम अहिरवार जी के ऊपर अंग्रेजों द्वारा बंदूक की फायरिंग में वीरांगना गौरादेवी कतिया की घटना स्थल पर ही वह वीरगति को प्राप्त हुई थी। जिनके नाम पर किसी प्रकार का स्थान न बनाया गया। जो कि इस वर्ग की उपेक्षा मात्र है। छोटू भाईजान नही अफसोस जताते हुए कहा है कि कतिया समाज की वीरांगना की शहादत को अनदेखा करना अभी तक की सरकार एवं क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों की बेजा उपेक्षा है। नगर के सामाजिक नागरिकों सहित कतिया समाज के सभी नागरिकों द्वारा वीरांगना गौरादेवी कतिया जी का स्मरण दिवस मनाने और उन्हें समुचित सम्मान दिलाने हेतु एक विशाल कार्य कार्यक्रम करने हेतु एक बैठक शीघ्र की जायेगी। तथा इस कौम के महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एवं शहीदों के लिए सम्मान देने की सरकार से मांग की जायेगी।

By archana

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