सूरत :केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने वर्ष 2025-2026 के लिए बजट पेश किया । आज का बजट टेक्सटाइल उद्योग के लिए निराशाजनक रहा ।इस बजट में टेक्सटाइल संस्थाओं और एसोसिशन के सुझावो और व्यापारियों की मांग को पूरी तरह नज़र अंदाज़ किया गया है ।सरकार के 5 F विजन को बढ़ाने और एक्सपोर्ट बढ़ाने की नीतियों और गारमेंट इंडस्ट्रीज को बढ़ाने की योजना का कोई जिक्र नहीं किया गया है साथ ही पिछले बजट 2021 में की गई घोषणाओं में जैसे p .m mitra पार्क योजना या PLI योजना को धरातल पे आगे बढ़ाने या सभी छोटे छोटे उधमी इन योजनाओं में लाभ ले सके उसके लिए कुछ भी प्रावधान नहीं किया गया और वैश्विक परिस्थितियों को ध्यान कर टेक्सटाइल उद्योग की भरपूर एक्सपोर्ट बढ़ाने की संभावनाओं को बढ़ावे के लिए कोई प्रोहत्सान आदि का कोई लाभ नहीं दिया गया है ।सरकार को टेक्सटाइल के छोटे छोटे व्यापारी जो एमएसएमई आयकर की धारा 43B(h) में सुधार कर राहत की मांग कर रहे थे उसे भी बजट में अनसुना कर कोई राहत प्रदान नहीं की गई है । टेक्सटाइल उद्योग में घटते उत्पादन और घटते रोज़गार को लेके छोटे छोटे व्यापारी के लिए कोई ठोस रणनीति की योजना बना कोई राहत नहीं दी गई है ।
आने वाले दिन कपड़ा व्यापारी के 100% FDI से आने वाली बड़ी कंपनियों से प्रतिस्पर्धा और ऑनलाइन के बढ़ते बाज़ारो से सरकार नए बाज़ार लाने की बात कर रही है वो धरातल पे कई नहीं दिख रही है ।
कुल मिला कर कपड़ा बाज़ार को बजट में निराशा हाथ लगी और पुरानी बजट की योजनाओं में भी कोई जल्दी बढ़ावा उद्योग को मिले उन नीतियों का अभाव देखनों को मिला ।
देश की 140 करोड़ आबादी के 6.50 करोड़ आयकर भरने वाले मध्यम वर्ग को इनकम टैक्स में छूट बढ़ाना और भाड़ा में टैक्स लिमिट और एमएसएमई में लोन लिमिट बढ़ाना सराहनीय कदम है । परंतु टेक्सटाइल के छोटे छोटे व्यापारियों के लिए आयकर की छूट तब बढ़ाई है जब मध्यम वर्ग का इनकम ही घट गया यानी जब दाँत थे तब चने नहीं थे अब चने है तो दाँत नहीं वाली कहावत चरित्रार्थ होती है ।
चम्पालाल बोथरा
टेक्सटाइल & गारमेंट कमेटी
राष्ट्रीय चेयरमैन (CAIT)
पूर्व फोस्टा महामंत्री