अरुण कुमार शेंडे
रायसेन ऐतिहासिक नगरी सांची में इस विश्व ऐतिहासिक स्थल को स्वच्छ एवं सुंदरता का जामा पहनाने सरकार एवं स्थानीय प्रशासन लगातार प्रयास रत है तथा नगर की स्वच्छता एवं सुंदरता पर लाखों करोड़ों रुपये खर्च किए जा रहे है परन्तु इस नगर को अतिक्रमण कारियों ने अपने चंगुल में जकड लिया है अतिक्रमण कारियों के सामने प्रशासन पूरी तरह नतमस्तक हो चुका है इससे नगर की छवि दागदार हो रही हैं जानकारी के अनुसार इस नगर की पहचान लगभग ढाई हजार साल पुराने बौद्ध ऐतिहासिक स्थल के रूप में विख्यात है इस नगर की ऐतिहासिकता से रूबरू होने दुनिया भर से देशी विदेशी पर्यटकों का आना जाना लगा रहता है इस स्थल की ऐतिहासिक छवि के मध्येनजर देश के प्रधानमंत्री ने भारतीय करेंसी के दौसो रुपये के नोट पर छवि अंकित करते हुए इसकी प्रसिद्धि मे चार चांद लगा दियेएवं इस स्थल को प्राकृतिक सौंदर्यता के साथ ही और अधिक सुंदरता बनाने के लिए राज्य एवं केंद्र सरकार लगातार लाखों करोड़ों रुपए आवंटित कर इसके अनुरूप ढालने प्रयास रत हैं इसकी छवि निखारने सरकार ने इस स्थल को वर्षों पूर्व नगर परिषद का दर्जा देते हुए स्थानीय जनप्रतिनिधियों के हाथों में बागडोर सौंप दी थी तथा परिषद द्वारा भी अपने अपने स्तर से नगर को सुंदरता प्रदान करने प्रयास किए जाते रहे तथा नगर में विकास पर लाखों करोड़ों खर्च भी हो चुके परन्तु इस विकास एवं स्वच्छता सुंदरता मे यहां अतिक्रमण माफिया सक्रियता से नगर में सरकारी भूमि पर काबिज होते हुए सडको तक अपने पांव पसार लिए इस अतिक्रमण मे बाहरी व्यक्ति भी शामिल हो गए तब जहाँ जिसको सरकारी भूमि रिक्त पडी नजर आ गई उसपर काबिज होकर अपना मालिकाना हक जता डाला धीरे धीरे अतिक्रमण कारियों ने अपनी पैंठ जिम्मदारो तक जमा डाली एवं मूलभूत सुविधाएं हासिल करने मे सफल होते रहे ।नगर के भीतरी क्षेत्र की सडके गलियों में तब्दील हो कर रह गई इसके साथ ही सरकारी भूमि पर अतिक्रमण कारियों के विवाद भी दिखाई देने लगे यहां तक कि इसकी चपेट में राष्ट्रीय राजमार्ग भी अछूता नहीं रह सका सडको के किनारे दुकानों को सजा लिया गया ।जिससे इस ऐतिहासिक स्थल की सुंदरता पर पानी फिरने लगा परन्तु प्रशासन मे बैठे लोगों को न तो अतिक्रमण रोकने की ही फुर्सत मिल सकी न ही इस पर अंकुश लगाने की जहमत ही उठाई जा सकी जिससे नगर की बेशकीमती सरकारी भूमि पूरी तरह नगर में खत्म होने की कगार पर पहुंच गई हालांकि दूसरे स्थानों पर आये दिन अतिक्रमण मुक्त करने प्रशासन कदम उठाने की चर्चा देखने सुनने को मिलती रही बावजूद इसके इस स्थल की अपनी प्रसिद्धि के चलते अतिक्रमण की भेंट चढता रहा प्रशासन बेखबर बना रहा इतना ही नहीं जब जब अतिक्रमण होता है तब तब प्रशासन मौन साध कर बैठा दिखाई देता है जब अतिक्रमण स्थाई हो जाता है तब प्रशासन अतिक्रमण मुक्त करने की सुध ले पाता है