उरई । जिलाधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय ने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार ने निर्माण श्रमिकों की बेटियों के विवाह में आर्थिक मदद देने के उद्देश्य से कन्या विवाह सहायता योजना शुरू की है। इस योजना के तहत श्रमिकों की दो पुत्रियों के विवाह के लिए सहायता राशि प्रदान की जाती है। इस योजना के अंतर्गत निर्माण श्रमिकों की पुत्रियों के विवाह पर ₹55,000 की सहायता राशि दी जाती है। वहीं, यदि विवाह अंतरजातीय है, तो सहायता राशि बढ़ाकर ₹61,000 कर दी जाती है। यह योजना समाज में समानता और समरसता को बढ़ावा देने के साथ-साथ आर्थिक रूप से कमजोर श्रमिक परिवारों को राहत देने का एक महत्वपूर्ण कदम है। इस योजना का लाभ केवल पंजीकृत निर्माण श्रमिक ही उठा सकते हैं। श्रमिकों को इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए श्रम विभाग में पंजीकरण कराना अनिवार्य है। पंजीकरण के दौरान श्रमिक को अपने कार्यक्षेत्र, पारिवारिक आय और विवाह संबंधी दस्तावेज प्रस्तुत करने होते हैं। उन्होंने बताया कि इस योजना का मुख्य उद्देश्य श्रमिक परिवारों पर विवाह के दौरान पड़ने वाले आर्थिक बोझ को कम करना है। साथ ही, यह योजना समाज में जातिगत भेदभाव को समाप्त करने और अंतरजातीय विवाह को प्रोत्साहित करने की दिशा में एक सकारात्मक पहल है। उन्होंने बताया कि सहायता राशि सीधे लाभार्थियों के बैंक खाते में जमा की जाएगी, जिससे किसी प्रकार की धोखाधड़ी या भ्रष्टाचार की संभावना न रहे। इच्छुक श्रमिक इस योजना के लिए श्रम कार्यालय में आवेदन कर सकते हैं।