उरई । जिलाधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय ने बताया कि सरकार ने श्रमिकों के स्वास्थ्य और कल्याण को ध्यान में रखते हुए गंभीर बीमारी सहायता योजना लागू की है। इस योजना के तहत पंजीकृत श्रमिकों को गंभीर बीमारियों के इलाज में होने वाले खर्च की शत-प्रतिशत प्रतिपूर्ति दी जाएगी। यह सुविधा उन श्रमिकों के लिए है जो आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना और मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना से आच्छादित नहीं हैं।योजना के तहत हृदय की शल्य चिकित्सा, गुर्दा और यकृत का प्रत्यारोपण, मस्तिष्क की शल्य चिकित्सा, कैंसर का इलाज, घुटने बदलने की सर्जरी, एचआईवी/एड्स का इलाज, आंखों की शल्य चिकित्सा, पथरी, अपेंडिक्स और हाइड्रोसील की सर्जरी जैसी गंभीर बीमारियों का खर्च शामिल है। इसके अलावा, महिलाओं में होने वाले स्तन कैंसर और बच्चेदानी/सर्विकल कैंसर की शल्य चिकित्सा का खर्च भी योजना के तहत कवर किया जाएगा। यह योजना सरकारी अस्पतालों और सरकारी मेडिकल कॉलेजों में किए गए इलाज पर लागू होगी। योजना का उद्देश्य श्रमिकों को आर्थिक सहायता प्रदान करना है, ताकि वे महंगे इलाज का खर्च वहन करने में सक्षम हो सकें और उनकी आर्थिक स्थिति पर इसका दुष्प्रभाव न पड़े। उन्होंने बताया कि सरकार का यह कदम श्रमिक वर्ग के जीवन स्तर को सुधारने और उन्हें स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ दिलाने की दिशा में महत्वपूर्ण प्रयास है। पंजीकृत श्रमिकों को इस योजना का लाभ लेने के लिए श्रम कार्यालय से संपर्क करना होगा और आवश्यक दस्तावेज जमा करने होंगे। गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए यह योजना श्रमिकों के लिए राहत का बड़ा माध्यम साबित हो रही है। इससे श्रमिक न केवल आर्थिक बोझ से मुक्त हो सकेंगे, बल्कि वे अपने स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने में भी सक्षम होंगे।