राजधानी भोपाल के सिटी बसों में यात्रा करने वाले यात्री भी आप सुरक्षित नहीं है। बसों में लगातार हो रही घटनाओं से यात्री दहशत में आ रहे हैं। बस ड्राइवर,कंडक्टरों पर बदमाशों हमले किए जा रहे हैं। ऐसा ही एक मामला सामने आया है जिसमें बोर्ड ऑफिस चौराहे पर खड़ी सिटी बस के कंडक्टर को एक युवक ने छुरी मार दी। इससे वह घायल हो गया। कंडक्टर का कहना है कि युवक अवैध वसूली करने के लिए बस में घुसा था। मना किया तो गाली-गलौच करके छुरी मार दी। इस घटना से बस में बैठी सवारियां दहशत में आ गई। कई तो बस से उतरकर चली गई।बीसीएलएल से मिली जानकारी के अनुसार मामला मंगलवार का है। बस में लगे कैमरों में यह घटना कैद हो गई। यह वीडियो बुधवार को सामने आया। मामले में एमपी नगर थाना पुलिस को भी सूचना दी गई। जिसकी जांच की जा रही है। इस मामले में नेता प्रतिपक्ष शबिस्ता जकी ने कहा, निगम के बस कंडक्टर-ड्राइवर के साथ यदि ऐसी घटना हो रही है तो यह शर्मनाक है। कोई भी सुरक्षित नहीं है। तमाशा बनाकर रखा है। ऐसी घटनाएं न हो, इसलिए निगम और जिला प्रशासन एक गाइडलाइन बनाए। बसों में महिला-पुरुष सुरक्षाकर्मी तैनात हो। ताकि इस तरह की घटनाएं रुक सकें।
भोपाल के 25 रूटों पर चलती हैं 200 बसें
राजधानी भोपाल की सड़कों पर 25 रूट पर करीब 200 सिटी बसें दौड़ रही है। भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड (बीसीएलएल) इनका संचालन कर रहा है। सिटी बसों में एक दिन में करीब सवा लाख यात्री सफर करते हैं। किराए के रूप में उन्हें न्यूनतम 7 और अधिकतम 42 रुपए लगते हैं। सभी बसों में जीपीएस ट्रैकिंग सिस्टम और कैमरे होने के दावे किए जाते हैं, लेकिन वारदात के बाद भी जेबकतरों को पुलिस नहीं पकड़ पाती।
26 दिन पहले भी हुई थी कंडक्टर से मारपीट
गौरतलब है कि यह घटना पहली नहीं एक माग के भीतर यह दूसरी घटना हुई है। दरअसल 26 दिन पहले, 14 सितंबर को कंडक्टर से मारपीट हुई थी। चूना भट्टी इलाके में पं. खुशीलाल शर्मा हॉस्पिटल के पास सिटी बस नंबर- एमपी-04 पीए-3692 के कंडक्टर सुरेश वर्मा (41) निवासी कजलीखेड़ा कोलार रोड के साथ बदमाशों ने मारपीट की थी। सुरेश के सिर में गंभीर चोंट आईं। साथी उसे तुरंत हॉस्पिटल लेकर पहुंचे। पुलिसकर्मी ने एक बदमाश को दबोच लिया था।
जाने सिटी बसों में क्या है सुविधा
1- सभी सिटी बसों में सीसी टीवी कैमरे लगाए गए हैं।
2- सभी सिटी बसों में जीपीएस सिस्टम से ट्रेकिंग की जाती है।
3- सभी बसों में मोबाइल एप के जरिए आने-जाने की जानकारी ली जाती है।
4- कैशलेस सुविधा भी शुरू की गई है। मोबाइल पास व मासिक स्मार्ट कार्ड की सुविधा।
5- सभी बसों के अंदर ईटीवीएम मशीन के माध्यम से स्मार्ट टिकटिंग की सुविधा है।