Breaking
22 Dec 2024, Sun

सूरत कपड़ा बाज़ार की ग्राहकी में धूम :-चम्पालाल बोथरा टेक्सटाइल & गारमेंट राष्ट्रीय चेयरमैन CAIT

अंजना मिश्रा

 

सूरत,दीपावली देश का सबसे बड़ा त्यौहार है । कपड़ा व्यापारी के लिये दीपावली त्यौहार का बड़ा महत्व है देश भर के बाज़ारो में इस बार कपड़ा ग्राहकी में धूम है ।
सूरत के कपड़ा उद्योग में आठ साल बाद तेज़ी का माहोल देखने को मिला है जिससे सूरत कपड़ा मार्केट के 70000 छोटे बड़े सभी व्यापारियो में उत्साह का माहोल है । सूरत कपड़ा बाज़ार में वर्ष 2016 के बाद जीएसटी, नोट बंदी , कोरोना , और एमएसएमई में आयकर की धारा 43B (h)की वजह से लगातार लंबी मंदी के बाद इस बार की दीपावली में ग्राहकी शानदार और ज़ोरदार है । देश भर की सभी बाज़ारो में नवरात्रि , दुर्गापूजा , दीपावली , छठपूजा , पोंगल आदि त्यौहारों में कपड़े की माँग अच्छी है ।
सूरत कपड़ा उद्योग को इस त्यौहारों में क़रीबन 14000 करोड़ रुपए के व्यापार होने की उम्मीद है साथ ही सूरत से प्रतिदिन 350 ट्रक ट्रांसपोर्ट से माल जाना , रेलवे ट्रेन बुकिंग , बस , कार्गो , और ऑनलाइन से 5 लाख से ज़्यादा कनसाईनमेंट का काम हो रहा है और सूरत कपड़ा मार्केट की पार्किंग में पार्सल का अंबार लगा है व्यापारी ऑर्डर का माल 5-7 दिन बाद भेज पा रहे है ये सब बता रहे कि सूरत कपड़ा बाज़ार में तेज़ी का माहोल छाया हुआ है ।
कनफ़ेडरेशन ऑफ़ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के टेक्सटाइल & गारमेंट कमेटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चम्पालाल बोथरा ने बताया कि सूरत से इस बार ज़्यादातर रेपियर जेकार्ड साड़ी , टॉप डायड जेकार्ड , गोल्ड क्रस्ट , करेंसी , टूवीलनेट, जिमिचू, रेनियल , सिफ़ॉन, दाणी , डिजिटल प्रिंट आदि फैब्रिक्स पे साउथ , यूपी, बिहार , झारखंड , मध्यप्रदेश , छतीसगढ़, दिल्ली , पंजाब , हरियाणा , राजस्थान , सहित संपूर्ण भारतवर्ष में कपड़े की माँग अच्छी है ।
सूरत में गारमेंट को लेके भी काफ़ी तेज़ी है कुरती , प्लाज़ो , गाउन , के साथ साथ गारमेंट फैब्रिक्स एवम् डिजिटल प्रिंट शार्टिंग की माँग अच्छी है । अहमदाबाद में काफ़ी प्रोसेस हाउस बंद होने से उन्होंने भी सूरत में प्रोसेस कराने लगे है और अहमदाबाद में सूरत के फैब्रिक्स के गारमेंट बनाने से वहाँ भी माँग ज़ोरदार है ।
सूरत में ईरोड़ , तिरुपुर , भिवंडी , मालेगांव , इचलकरंजी , जोधपुर , बालोंतरा का ग्रे कॉटन , रेयोन भी भरपूर सूरत आके बनके जा रहा है ।
एक्सपोर्ट में भी विस्कोस, रेयोन और सस्ते गारमेंट में पूछ परख बनी है ।
सब कुछ अच्छा रहा तो आगे भी दीपावली के बाद लग्नसरा की ग्राहकी भी ज़ोरदार रहेगी परन्तु केन्दीय सरकार को आयकर की धारा 43B( h) में सुधार करना अनिवार्य है तभी छोटे व्यापारी को राहत मिलेगी नहीं तो जनवरी के बाद मजबूरन एमएसएमई को पेमेंट करने की लागत के दर से धंधा बंद करना होगा । केंद्रीय सरकार सूरत के 70000 व्यापारियो के लिये राहत समय पे दे तो कपड़ा उद्योग में धूम रहेगी ।

By archana

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You Missed