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17 Nov 2024, Sun

कमिश्नर के बंगले में छोड़ेंगे आवारा कुत्ते,कांग्रेस के प्रदेश सचिव ने दी चेतावनी…

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मंदसौर शहर में बढ़ते आवारा कुत्तों के हमले ने नागरिकों को दहशत में डाल दिया है। पिछले 10 महीनों में 5,985 लोग कुत्तों के हमले का शिकार हो चुके हैं, और इस कारण छह मौतें भी हो चुकी हैं।

शहर में ठीक ढंग से सफाई न होने… पेयजल में अच्छा पानी न मिलने के साथ ही इन दिनों शहरवासी आवारा कुत्तों के हमले से भी काफी परेशान हैं। स्थितियां ये हैं कि वार्डों में कुत्तों के झुंड बच्चों ही नहीं बल्कि युवाओं और बुजुर्गों को भी अपना शिकार बना रहे हैं। स्थितियां कुछ ऐसी हैं कि ऐसा कोई दिन नहीं जाता, जब आवारा कुत्तों के हमले का शिकार कोई व्यक्ति न होता हो। जिला चिकित्सालय के आंकड़े भी यही बताते हैं कि लगभग 10 माह मे 5985 लोग कुत्तों के हमले का शिकार हो चुके हैं और लगभग छह लोग इस कारण अकाल मौत के शिकार भी हुए हैं। आवारा कुत्तों के हमले की समस्या से शहर का हर व्यक्ति परेशान है, लेकिन शहरवासियों के लिए जानलेवा बन रही यह समस्या शायद नगर निगम के अफसर और जनप्रतिनिधियों को नजर नहीं आती। इसीलिए इस समस्या का अहसास नगर निगम आयुक्त को भी करवाने के लिए कांग्रेस के प्रदेश सचिव ने एक अनोखा रास्ता निकाला है। उन्होंने यह चेतावनी दी है कि यदि आवारा कुत्तों को यदि जल्द से जल्द नहीं पकड़ा जाता है तो पांच दिन बाद वह नगर निगम आयुक्त आशीष पाठक के सरकारी आवास मे आवारा कुत्तों को छोड़ देंगे।

आवारा कुत्तों के काटने से इनकी चली गई जान

कुछ माह पहले ही कमरी मार्ग में रहने वाली इंशिया उम्र 7 वर्ष की कुत्ते के हमले की दहशत से मौत हो गई थी। यही नहीं कुवैत से उज्जैन त्यौहार मनाने आए अली असगर उम्र 56 वर्ष को कुत्ते ने काट लिया था, जिसके कारण उसकी मौत हो गई। इन दो मामलों के साथ ही नागझिरी क्षेत्र में रहने वाले एक युवा को भी उद्योगपुरी क्षेत्र में कुत्तों ने अपना शिकार बनाया था। इसके बाद उसकी तबीयत बिगड़ी और उसकी भी जान चली गई। यह तो ऐसे मामले हैं जिसमे शहरवासी कुत्तों के शिकार बने और अपनी जान गवां बैठे, लेकिन अब प्रतिदिन कुत्तों के हमले के कारण शहरवासी इसके शिकार हो रहे हैं।

यहां कुत्तों के शिकार हो रहे हैं शहरवासी और वहां महापौर कर रहे समस्याएं सुनने की नौटंकी

कहने को तो महापौर मुकेश टटवाल प्रतिदिन विद्यानगर स्थित अपने निवास पर आम जनता से 2 घंटे भेंट करते हैं और यहां आम जनता की समस्याएं सुनकर उसका निराकरण करने के दावे भी किए जाते हैं। यही नहीं झोन कार्यालय में भी इन दिनो महापौर आम जनता से मुलाकात कर रहे हैं, लेकिन ताज्जुब की बात है कि आवारा कुत्तों की यह समस्या हल करने के लिए अब तक महापौर द्वारा कोई कदम नहीं उठाए गए हैं। जबकि कुत्तों के काटने से शहरवासियों की मौत तक हो चुकी है। याद रहे की महापौर मुकेश टटवाल काम करने की बजाय दिखावा करने में ज्यादा विश्वास रखते हैं। यही कारण है कि शहर में चारों ओर अव्यवस्थाएं होने के बावजूद भी शहर के प्रथम नागरिक को शहर में कोई अव्यवस्था नजर ही नहीं आती कुछ दिनों पूर्व ही विद्यानगर स्थित उन्हीं के ग्रह वार्ड में स्थित अलख मैहर धाम के लोगों ने क्षेत्र की ठीक से साफ सफाई न होने पर महापौर पर भी यह आरोप लगाया था कि कई बार शिकायत करने के बावजूद महापौर उनकी कोई सुनवाई करने को तैयार नहीं है।

By archana

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