कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के एक आर्टिकल को लेकर हंगामा मचा है. राहुल गांधी ने एक अखबार में भारतीय इतिहास (Indian History) को लेकर एक आर्टिकल लिखा था. उन्होंने लिखा- “ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारत के राजा- महाराजाओं को डराकर-धमकाकर और उन्हें घूस देकर भारत पर राज किया था.” कांग्रेस सांसद के इस आर्टिकल पर केंद्रीय मंत्री और ग्वालियर के महाराज ज्योतिरादित्य सिन्हा, जयपुर राजपरिवार की राजकुमारी और राजस्थान की डिप्टी सीएम दिया कुमारी सिंह ने आपत्ति जताई है. सिंधिया ने कहा कि नफरत बेचने वालों को भारत के इतिहास पर बोलने का हक नहीं है.
आर्टिकल पर विवाद होने पर राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X के जरिए जवाब भी दिया है. राहुल गांधी ने लिखा, “मेरे लेख के बाद कई प्ले-फेयर बिजनेस मुझे बता रहे हैं कि एक सीनियर मंत्री फोन कर रहे हैं. उन्हें पीएम मोदी और सरकार के कार्यक्रमों के बारे में सोशल मीडिया पर अच्छी बातें कहने के लिए मजबूर किया जा रहा है. मेरी बात बिल्कुल सही साबित होती है!”
राहुल गांधी ने क्या कहा, जिसपर मचा हंगामा?
दरअसल, राहुल गांधी ने अंग्रेजी अखबार ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ में 6 नवंबर को एक ओपिनियन लिखा है. इसमें राहुल गांधी ने भारत के इतिहास और अंग्रेजों के शासन पर बात की है. उन्होंने लिखा, “ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारत की आवाज अपनी व्यापारिक शक्ति से नहीं, बल्कि अपने शिकंजे से कुचली थी. ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारत के राजा-महाराजाओं को डरा-धमकाकर, उन्हें घूस देकर भारत पर राज किया था. बाद में ईस्ट इंडिया कंपनी तो खत्म हो गई, लेकिन उससे जो डर पैदा हुआ था… वो डर फिर से दिखाई देने लगा है. एकाधिकारवादियों की एक नई पीढ़ी ने उसकी जगह ले ली है.”
सिंधिया ने राहुल को घेरा
कभी राहुल गांधी के करीबी रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस आर्टिकल को लेकर उन्हें घेरा है. BJP सांसद और केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने कहा, “नफरत बेचने वालों को भारत के गौरव और इतिहास पर व्याख्यान देने का कोई अधिकार नहीं है. भारत की समृद्ध विरासत के बारे में राहुल गांधी की अज्ञानता और उनकी औपनिवेशिक मानसिकता ने सभी हदें पार कर दी हैं.”
सिंधिया आगे कहते हैं, “अगर राहुल गांधी वास्तव में देश का उत्थान करना चाहते हैं, तो उन्हें भारत माता का अपमान करना बंद करना चाहिए. उन्हें असली भारतीय हीरों के बारे में जानना चाहिए. महादरजी सिंधिया, युवराज बीर टिकेंद्रजीत, कित्तूर चेनम्मा और रानी वेलु नचियार जैसे योद्धाओं ने स्वतंत्रता के लिए साहसपूर्वक संघर्ष किया था. भारत की विरासत का संबंध सिर्फ गांधी नाम से नहीं है. भारतीय इतिहास का आदर करें, अन्यथा उसके बारे में बोलकर बेतुके दावे न करें.”