प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने मोहन सरकार के एक साल पूरे होने पर जमकर हमले किए। उन्होंने भाजपा सरकार और उसमें व्याप्त भारी भ्रष्टाचार, कर्ज और अपराधों की श्रृखंला जैसे मुद्दों पर तमाम आरोप लगाए। पटवारी का कहना है कि जब एक आरक्षक के यहां करोड़ों की संपत्ति मिल सकती है तो परिवहन विभाग के प्रमुख सचिव तथा मंत्री के पास कितनी संपत्ति होगी। इन लोगों ने राज्य में बड़ा भ्रष्टाचार किया है। बीते 20 साल में राज्य में 15 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का घोटाला हुआ है।
पटवारी ने कहा कि परिवहन विभाग में करोड़ों का भ्रष्टाचार हुआ है। पार्टी मांग करती है कि मामले में सीबीआई या न्यायिक जांच हो। पार्टी हाई कोर्ट में याचिका दायर करेगी। परिवहन विभाग के 20 साल के कार्यकाल की जांच होनी चाहिए।
पीसीसी में मीडिया से चर्चा में पटवारी ने कहा कि मप्र में हर महीने 35 से 40 करोड़ रुपए की वसूली परिवहन चेकपोस्ट से होती आ रही है, सालाना यह रकम 550 से 600 करोड़ तक जाती है। पिछले 20 साल में मप्र में 15 से 18 हजार करोड़ रुपए का कालाधन ट्रांसपोर्ट की अवैध वसूली से बनाया गया है
इसी रकम में से भाजपा ने 6-6 करोड़ रुपया अपने लोकसभा प्रत्याशियों को दिया था। – जंगल में मिला यह सोना भाजपा के पुराने परिवहन मंत्रियों की लूट में हिस्सेदारी को लेकर आपसी झगड़े के कारण बाहर आया है ।
भ्रष्टाचार से लड़ना कांग्रेस की जिम्मेदारी
पटवारी ने कहा, ‘इस भ्रष्टाचार से लड़ना राज्य कांग्रेस की जिम्मेदारी है. हम मांग करते हैं कि परिवहन विभाग में पिछले दो दशकों में हुए भ्रष्टाचार की सीबीआई जांच कराई जाए. हम हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश से जांच कराने की मांग को लेकर हाईकोर्ट भी जाएंगे.
पटवारी ने कहा कि अगर एक कांस्टेबल इतनी बड़ी संपत्ति जमा कर सकता है, जिसमें ’50 करोड़ रुपये का सोना’ भी शामिल है, तो कोई कल्पना कर सकता है कि ‘विभाग के प्रमुख सचिव और मंत्री’ के पास कितनी संपत्ति होगी. मध्य प्रदेश कांग्रेस प्रमुख ने शर्मा को छोटा आदमी बताया. उन्होंने दावा किया कि पिछले 20 सालों में सत्तारूढ़ भाजपा ने परिवहन विभाग में 15,000 करोड़ रुपये का भ्रष्टाचार किया है.
बीजेपी ने किया पलटवार
प्रदेश भाजपा प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी ने कहा कि कांग्रेस को झूठे आरोप लगाने की आदत है. चतुर्वेदी ने कहा, ‘अगर उनके पास कोई सबूत है, तो पटवारी को खोखले दावे करने के बजाय उन्हें उजागर करना चाहिए.’ चतुर्वेदी ने आरोप लगाया कि तत्कालीन मुख्यमंत्री कमल नाथ के नेतृत्व वाली 15 महीने की कांग्रेस सरकार के दौरान राज्य सचिवालय भ्रष्टाचार का अड्डा बन गया था और पटवारी इसका हिस्सा थे.