मध्य प्रदेश में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। एक महिला सरपंच ने 500 रुपये के स्टांप पेपर पर एक समझौते पर हस्ताक्षर करके कथित तौर पर अपने अधिकार एक गांव वाले को सौंप दिया। महिला सरपंच के खिलाफ पंचायत अधिकारी ने नोटिस भेजा है।
एक अधिकारी ने शनिवार को बताया कि मध्य प्रदेश के नीमच जिले में एक महिला सरपंच ने 500 रुपये के स्टांप पेपर पर एक समझौते पर हस्ताक्षर करके कथित तौर पर अपने अधिकार एक पुरुष को सौंप दिए हैं। अधिकारी ने बताया कि शुक्रवार को मनासा जनपद के अंतर्गत दाता ग्राम पंचायत की सरपंच कैलाशी बाई कछावा को नोटिस दिया गया है। जिला पंचायत के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अमन वैष्णव ने पत्रकारों को बताया कि उन्हें शिकायत मिली है कि कैलाशी बाई ने सरपंच के रूप में अपने अधिकार सुरेश नाम के व्यक्ति को सौंप दिए हैं।
वैष्णव ने कहा कि पंचायती राज अधिनियम की धारा 40 के तहत सरपंच को हटाने के लिए नोटिस जारी किया गया है और शनिवार को जवाब प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है। ग्राम पंचायत के सचिव को स्पष्टीकरण देने के लिए कारण बताओ नोटिस दिया गया है। जवाब मिलने के बाद कानून के अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी।
सीईओ ने कहा कि उन्हें हस्ताक्षरित स्टांप पेपर की फोटोकॉपी मिल गई है, लेकिन जवाब मिलने के बाद कार्रवाई की जाएगी। 24 जनवरी को हस्ताक्षरित समझौते के अनुसार, सरपंच कैलाशी बाई कछावा ने अपने अधिकार दाता गांव के ही निवासी सुरेश गरासिया को सौंपने की सहमति दी।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे समझौते में कहा गया है कि जब तक कैलाशी बाई इस पद पर रहेंगी तब तक गरासिया महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, वाटरशेड मिशन आदि के कार्यों को संभालने के अलावा एक सरपंच के सभी कर्तव्यों का पालन करेंगे।
इसमें कहा गया है कि वह हस्तक्षेप नहीं करेंगी और गरासिया के निर्देशानुसार दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करेंगी। दो गवाहों द्वारा हस्ताक्षरित दस्तावेज़ में यह भी कहा गया है कि समझौते का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति को चार गुना हर्जाना देना होगा।
आखिर कौन है ठेके पर लेने वाला व्यक्ति
पंचायत को ठेके पर लेने वाला सुरेश ग्राम पंचायत में ही होने वाले निर्माण कार्यों का ठेका लेना वाला व्यक्ति है. उसके नाम का अनुबंध सामने आने के बाद सच में पंचायत को ठेके पर देने की बात पर बल मिलता है. इधर, मामला उजागर होने के बाद सरपंच और संबंधित व्यक्ति भूमिगत हो गए हैं. हमारी टीम गांव पहुंची और पंचायत में कोई नहीं मिला. सरपंच के पति जगदीश ने इतना जवाब दिया कि ऐसा कोई अनुबंध हमने नहीं किया है.