सुनील त्रिपाठी
प्रयागराज/ महाकुंभ घाटों-तटो में नि:स्वार्थ भाव से सेवा-सत्कार सरदार जी करते है.बहुत कम ही लोग ऐसे होते हैं कि समाज में जो दूसरों के लिए जीते हैं जिनका अपना कुछ होता नहीं है उन्हें तो मात्र एक ही धुन और लगन हुआ करती है कि किस तरह से लोक कल्याण और समाज सेवा के कार्य उनके शरीर से होते रहें वे जीते हैं तो सदैव दूसरों के लिए अपने लिए नहीं ऐसे ही नि:स्वार्थ सरदार जी हैं सरदार पतविंदर सिंह आश्चर्यजनक बात यह है कि समाज सेवा का व्रत लिया तो लिया,फिर यह नहीं देखा कि लोग क्या कहेंगे प्रयागराज के नैनी थाना क्षेत्र में जन्मे सरदार पतविंदर सिंह ने जनसंख्या नियंत्रण, पर्यावरण संरक्षण,मतदाताओं में जागरूकता,नशे से परहेज,गंगा नदी की स्वच्छता महाकुंभ घाटों-तटो में देखा जा सकता है जैसे लोक कल्याणकारी कार्यक्रमों में सक्रिय भागीदारी निभाने के लिए सरदार पतविंदर सिंह प्रयासरत हैं अपने संवेदनशील और शांति में आंदोलन के साथ मां गंगा अविरल -निर्मल धारा में प्रभावित होती रहेl
विभिन्न सामाजिक संगठनों के साथ सामाजिक जागरूकता का कार्यक्रम लगातार जारी है साक्षरता अभियान, विकलांग,नेत्रहीनों,कुष्ठ रोगियों की सेवा-सत्कार आदि कर अपने आपको धन्य माना है मेरी जनता से अपील है कि व नेक कामों के लिए आगे आने की कोशिश करें बचपन से ही मेरे मन में सामाजिक कुरीतियों खिलाफ जन जागरूकता फैलाने का जुनून सवार था उसी के चलते अभी तक शादी का विचार मेरे मन में नहीं आयाlसमाज सेवा,सामाजिक जन जागरूकता के लिए हर पल हाजिर रहते ,पेड़ों पर रक्षा-सूत्र,जन चेतना साइकिल यात्रा,कन्या भ्रूण हत्या बंद करो-बंद करो अपने घर में बेटियों की किलकारी गूंजने दो का संदेश नंगे पांव भ्रमण,दीवाल लेखन,नंगे शरीर पर सूक्ति वाक्य लिखकर भ्रमण,जगह-जगह चौपाल लगाकर जन जागरूकते,महिलाओं पर हो रहे अत्याचार को रोकने के लिए लोगों को जागरुक करने का प्रयास करते हुए कहा कि समाज के लोग भी आगे आएं।