Breaking
22 Feb 2025, Sat

सनम रे ! झूठ मत बोलो ,खुदा के पास जाना है..

राकेश अचल

झूठ बोलना पाप है या पुण्य ये तो हम नहीं जानते लेकिन हमें पता है कि सियासत ने झूठ बोल-बोलकर नौकरशाही को भी झूठ बोलना सिखा दिया है। अब देश की ही नहीं बल्कि मध्यप्रदेश की नौकरशाही भी जनता के समाने ही नहीं बल्कि विदेशी मेहमानों के समाने झूठ ही नहीं बल्कि सफेद झूठ बोलने में संकोच नहीं करती ,जबकि हमारे यहां हमेशा झूठ बोलने वालों को आगाह किया जाता रहा है ये कहकर कि-
‘ सनम रे ! झूठ मत बोलो खुदा के पास जाना है। ‘लेकिन अब खुदा से डरता कौन है ?
खबर मध्यप्रदेश के एक बड़े गांव में तब्दील हो चुके शहर ग्वालियर की है । पिछले दिनों संयुक्त राज्य अमेरिका के काउंसिल जनरल श्री माइक हैंकी दो दिवसीय प्रवास पर ग्वालियर आए थे ।हैंकी सीधे ग्वालियर कलेक्ट्रेट पहुँचे। कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान ने उन्हें ग्वालियर के औद्योगिक वैभव व अन्य खूबियों से भी अवगत कराया और कहा कि ग्वालियर निवेश के लिये सबसे अच्छी व बड़ी संभावनाओं वाला क्षेत्र है।
कलेक्टर ने हैंकी को ग्वालियर की विशेषतायें बताते हुए कहा कि ऐतिहासिक नगरी ग्वालियर संगीत, कला व स्थापत्य के साथ-साथ औद्योगिक व आर्थिक रूप से भी समृद्ध रही है। ग्वालियर शहर देश की राजधानी नई दिल्ली के नजदीक होने के साथ-साथ उत्कृष्ट हवाई, रेलवे व सड़क सेवाओं से पूरे देश से जुड़ा है। ग्वालियर में अंतर्राष्ट्रीय स्तर का दिव्यांग खेल स्टेडियम, ट्रिपल आईटीएम व एलएनआईपीई जैसे राष्ट्रीय स्तर के शिक्षण संस्थान सहित कई विश्वविद्यालय हैं। इस प्रकार ग्वालियर एक शिक्षा का हब भी बन चुका है।
किसी भी निवेशक को प्रभावित करने के लिए आधा झूठ और आधा सच बोला जाता है ,लेकिन ग्वालियर कलेक्टर ने सफेद झूठ बोला। कलेक्टर ने हैंकि को ये तो बताया कि ग्वालियर में वेस्टर्न बायपास, एलीवेटेड रोड, आईएसबीटी व आगरा-मुम्बई सिक्सलेन एक्सप्रेस-वे जैसे बड़े-बड़े प्रोजेक्ट मूर्तरूप ले रहे हैं। साथ ही अंतराष्ट्रीय स्तर का एयर टर्मिनल हाल ही में बनकर तैयार हुआ है। अत्याधुनिक रेलवे स्टेशन निर्माणाधीन है। लेकिन ये नहीं बताया कि ये प्रदेश का वो अकेला शहर है जहां कोई सार्वजनिक परिवहन सेवा नहीं है । बस स्टेण्ड हैं लेकिन सिटी बसें नहीं हैं। हैंकि को ये भी नहीं बतया गया कि अब ग्वालियर में एक भी उद्योग नहीं बचा है। ग्वालियर के आसपास बानमौर और मालनपुर औद्योगिक केंद्र कारखानों के कब्रगाह बन चुके हैं। ग्वालियर में कम से कम तीन निवेशक सम्मेलनों के बाद एक भी नया उद्योग नहीं लगाया जा सका है।
अमेरिकन काउंसिल जनरल को ग्वालियर के औद्योगिक वैभव से परिचित कराते हुए कलेक्टर श्रीमती चौहान ने जानकारी दी कि ग्वालियर के जयाजी कॉटन मिल, ग्रेसिम, सिमको, लैदर फैक्ट्री, ग्वालियर पॉटरीज जैसी इंडस्ट्रीज का देश की नहीं पूरी दुनिया में नाम था।लेकिन ये नहीं बतया कि अब इनमें से एक भी कारखाना वजूद में नहीं है । औद्योगिक निवेश की संभावनायें तलाशने आए अमेरिकन काउंसिल जनरल ग्वालियर का ऐतिहासिक दुर्ग देखने पहुँचे और यहाँ की उत्कृष्ट स्थापत्य कला से खासे प्रभावित हुए। श्री हैंकी को जयविलास पैलेस संग्रहालय दिखाकर भी प्रभावित करने की कोशिश की गयी। ग्वालियर में यही एक ऐसा स्थान है जिसे देखकर राष्ट्रपति से लेकर कोई भी मेहमान प्रभावित हो जाता है। लेकिन किसी को ये नहीं बताया जाता की इस शहर में किले पर जाने के लिए पिछले 70 साल में एक रोप-वे नहीं बनाया जा सका,क्योंकि किसी के पास इच्छाशक्ति ही नहीं है।
दरअसल झूठ बोलकर अतिथियों को फांसने का काम हमारे नेता और सरकारें करतीं है इसलिए नौकरशाही भी इससे मुक्त नहीं है। नौकरशाही के नंबर झूठ बोलने से ही बढ़ते हैं। झूठ बोलना आज की नौकरशाही का परम् धर्म है। झूठ बोलने से तरक्की मिलती है ,अवसर मिलते हैं,लेकिन शहर को कुछ नहीं मिलता। मै इस शहर में पिछले 52 साल से हूँ और इस बात का चश्मदीद हूँ की झूठ बोलने की प्रवृत्ति ने ग्वालियर का बंटाधार कर दिया। ग्वालियर ऐतिहासिक शहर और विकसित शहर था ,लेकिन यहां झूठ की अमरबेल ऐसी फैली की इस शहर के पास जो कुछ था,वो भी छीन लिया गया। यहां न काउंटर मेग्नेट शहर बनाया जा सका और न इंदौर,भोपाल यहां तक की जबलपुर के मुकाबले यहां विकास किया जा सक। स्मार्ट सिटी परियोजना का पैसा यहां की नौकरशाही ने राजशाही को खुश करने में लुटा दिया। अन्यथा ग्वालियर प्रदेश के किसी भी शहर के मुकाबले अधोसंरचना,पुरातत्व और पर्यटन के मामले में सबसे ज्यादा समृद्ध शहर था। ये शहर ,यहां के जन प्रतिनिधि और नौकरशाही जब तक झूठ बोलना नहीं छोडेगी तब तक इस शहर का कल्याण नहीं हो सकता।

By archana

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *