पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) के महाकुंभ को ‘मृत्यु कुंभ’ कहे जाने पर संत समाज ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए उनके बयान को सनातन धर्म और महाकुंभ की पवित्रता का अपमान बताते हुए उनसे अपने शब्दों पर खेद प्रकट करने और सार्वजनिक रूप से माफी मांगने की मांग की है.
Controversial statement of Mamta Banerjee : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के उत्तर प्रदेश की संगम नगरी प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ पर दिए विवादित बयान को लेकर साधु-संतों ने नाराजगी जताई है। उन्होंने ममता बनर्जी पर तुष्टिकरण का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी की बुद्धि भ्रष्ट हो गई है। ममता ने यह टिप्पणी पश्चिम बंगाल विधानसभा को संबोधित करते हुए की, जिसमें उन्होंने कहा कि महाकुंभ ‘मृत्यु कुंभ’ बन गया है। ममता ने भगदड़ की घटनाओं को लेकर उत्तर प्रदेश प्रशासन और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर भी निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि इस महाकुंभ में मरने वालों की वास्तविक संख्या को छिपाया गया।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने फिर सनातन पऱ अभद्र टिप्पणी की, जिसका अयोध्या के साधु-संतों ने प्रबल विरोध किया है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रयागराज महाकुंभ में भगदड़ की घटनाओं को लेकर उत्तर प्रदेश प्रशासन और मुख्यमंत्री महंत योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधा। ममता ने कहा कि महाकुंभ अब मृत्यु कुंभ बन गया है। उन्होंने कहा कि वीवीआईपी लोगों को कुंभ में खास सुविधाएं दी जा रही हैं, वहीं गरीबों को उनके हाल पर छोड़ दिया गया है। ममता बनर्जी ने दावा किया कि हाल में हुई भगदड़ की घटनाओं के मद्देनजर महाकुंभ ‘मृत्यु कुंभ’ बन गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि इस महाकुंभ में मरने वालों की वास्तविक संख्या को छिपाया गया। ममता ने यह टिप्पणी पश्चिम बंगाल विधानसभा को संबोधित करते हुए की। उन्होंने कहा कि महाकुंभ ‘मृत्यु कुंभ’ बन गया है। जिसके बाद अयोध्या के साधु-संतों ने ममता की सनातन विरोधी टिप्पणी का प्रबल विरोध किया। अयोध्या के बड़ा भक्त माल स्थान के महंत अवधेश दास ने कहा कि ममता बनर्जी की बुद्धि भ्रष्ट हो गई है। सनातन पर आक्रमण करने की राजनीतिक लोगों की एक बहुत बड़ी गैंग है जो केवल सनातन पर आक्रमण करते हैं। सनातन, सनातन है, जिसका कोई आदि नहीं, अंत नहीं, उसी का नाम है सनातन। सनातन पर आक्रमण करके मुसलमानों को खुश करने की राजनीतिक लोगों की एक दृष्टि बन गई है, कि सनातन पर आक्रमण करेंगे तो मुस्लिम हमसे आकर्षित होगा, ईसाई हमसे आकर्षित होगा और ये ऐसा करके सनातन का अपमान कर रहे हैं। सनातन धर्मावलंबी अब इस बात को भलीभांति समझने लगे हैं कि जो सनातन का अपमान करेगा वो इस देश में सत्ता पर रह नहीं सकेगा और ये सोच अब सनातनियों की बनती जा रही है कि सनातन पर आक्रमण करने वालों का किसी प्रकार का सहयोग नहीं करना है। अयोध्या के आचर्या मंदिर के महंत विवेक आचारी ने कहा कि ममता बनर्जी जैसी मुख्यमंत्री से उम्मीद ही क्या की जा सकती है जिन्होंने कभी सनातन को माना नहीं, भगवान श्रीराम को माना नहीं, जिसने जय श्रीराम का नारा लगा दिया उसको जेल भेज दिया और जिसको सनातन के विषय में ज्ञान नहीं है। महाकुंभ सनातन का एक ऐसा महापर्व है, जिसमें सनातन ने पूरी ताकत दिखाई और पचास करोड़ से अधिक हिन्दुओं ने उस आस्था में डुबकी लगाई है। उन्होंने कहा कि कितनी ओछी मानसिकता है ऐसी मुख्यमंत्री की, जिसने महाकुंभ को मृत्यु कुंभ कहा है, इससे गंदी बात और कुछ हो नहीं सकती। भगवान ममता बनर्जी को इसका दंड देंगे, हम क्या कहें, अयोध्या के संत नागा रामलखन दास ने कहा कि समुद्र मंथन हुआ, उसमें अमृत निकला था। उस अमृत को देवताओं में बांटने के लिए भगवान लेकर चले और चार जगह प्रयागराज, उज्जैन, नासिक और हरिद्वार, चार जगह अमृत कलश रखा गया और वहां एक बूंद अमृत गिरा इसलिए वहां पर 12 साल में कुंभ लगता है। प्रयागराज में छह साल में अर्धकुंभ, 12 साल में कुंभ लगता है, ये कुंभ है, जहां स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है, इसलिए लोग स्नान करते हैं। उन्होंने ममता बनर्जी के लिए कहा कि जैसी जिसकी आत्मा होगी, वैसा बोलेगा, ममता बनर्जी धार्मिक नहीं हैं, इसलिए वे अपने हिसाब से बोल रही हैं, कोई मुस्लिम अपने हिसाब से बोलेगा, लेकिन जितने भी हिन्दू विचारधारा के लोग हैं, वो जानते हैं कि कुंभ का मतलब है मोक्ष की प्राप्ति करना। अयोध्या के ही संत प्रभु दास ने कहा कि कुम्भ तो आस्था का केंद्र है, अनादिकाल से चला आ रहा है, ऋषियों क़ी परंपररा है, प्रयागराज के स्नान का तो अनादिकाल से महत्व चला आ रहा है, यदि सनातन धर्म नहीं रहेगा तो सब खत्म हो जाएगा। उन्होंने कहा कि ममता के बयान का प्रबल विरोध करना चाहिए।
ममता बनर्जी का बयान सनातन धर्म का है अपमान
निर्मोही अनी अखाड़ा के अध्यक्ष महंत राजेंद्र दास ने कहा कि ममता बनर्जी का बयान सनातन धर्म का अपमान है. उन्होंने कहा, ‘प्रयागराज महाकुंभ ने सनातन धर्म की दिव्यता को शीर्ष पर स्थापित किया है. वह महाकुंभ का मूल्यांकन करती हैं, क्योंकि उन्होंने हमेशा सनातन और उसके प्रतीकों का अपमान किया है. ऐसे बयान देकर वह भी (AAP सुप्रीमो) अरविंद केजरीवाल के रास्ते पर चल रही हैं और वही भाग्य (केजरीवाल जैसा) उनका इंतजार कर रहा है.’
‘मृत्युकुंभ’ वाले बयान पर भड़के जगद्गुरु रामभद्राचार्य
उन्होंने ममता की बुद्धि पर भी सवाल उठाया और कहा कि वह यह नहीं सोचते थे कि ममता बनर्जी इतनी नीच सोच रख सकती हैं। मीडिया से बातचीत में जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने कहा कि ममता बनर्जी ने “मृत्युकुंभ” कहकर एक बहुत बड़ी धार्मिक परंपरा का अपमान किया है। उन्होंने इसे महाकुंभ बताया और कहा कि इस तरह के कुंभ का आयोजन इतिहास में पहली बार हुआ है, जिसमें अब तक 55 करोड़ से अधिक लोग स्नान कर चुके हैं।
विपक्षी पार्टियां बौखलाई हुई हैं: जगद्गुरु रामभद्राचार्य
जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने यह भी कहा कि इस कुंभ से विपक्षी पार्टियां बौखलाई हुई हैं और इसके बाद ममता के बयान को और भी गंभीर रूप से लिया जाना चाहिए। रामभद्राचार्य ने ममता को “कुंवारी बहन” कहकर संबोधित करते हुए उनके बयान की कड़ी आलोचना की। उन्होंने यह भी कहा कि ममता को इस तरह के बयान देने की कोई आवश्यकता नहीं थी और वह उन्हें निकृष्ट बुद्धि की मानते हैं।