छत्तीसगढ़ के रायपुर में एक व्यक्ति ने मां काली को प्रसन्न करने के लिए खुद की बलि दे दी. सूचना मिलते ही परिवार में कोहराम मच गया. वहीं जिले के अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है. दरअसल छत्तीसगढ़ में अंधविश्वास और नरबलि के खिलाफ कड़े कानून हैं.
भले ही अंध विश्वास और मानव बलि के खिलाफ देश में कड़े कानून बन गए, लेकिन अभी भी ना तो अंध विश्वास के मामले कम हो रहे हैं और ना ही मानव बलि थम रही है. छत्तीसगढ़ के रायपुर में तो एक युवक ने मां काली को प्रसन्न करने के लिए खुद की ही बलि चढ़ा दी. घटना की खबर मिलते ही परिवार में जहां कोहराम मच गया, वहीं राजधानी रायपुर में हड़कंप मच गया है. सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है.
वहीं घटना स्थल से मिले सबूतों और तथ्यों के आधार पर पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है. इस घटना के संबंध में पुलिस ने परिजनों के बयान के बाद मर्ग दर्ज किया है. राजधानी रायपुर की पुलिस के मुताबिक यह घटना धरसींवा इलाके का है. मृतक की पहचान यहां रहने वाले भुनेश्वर यादव (50) के रूप में हुई है. परिजनों के मुताबिक भुनेश्वर मातारानी का भक्त था और नवरात्रि के पहले दिन उसने घर में मां काली का दरबार सजाकर अखंड पूजा शुरू की थी.
कैंची से काटा गला
उसने लगातार 48 घंटे का पूजन किया. बावजूद इसके, जब मां काली प्रकट नहीं हुई तो भुनेश्वर ने कैंची उठाया और अपना गला काटकर माता को भेंट करने की कोशिश की. लेकिन, कैंची से वार करते ही माता के दरबार के सामने पूरा कमरा खून से लथपथ हो गया. उसकी चीख सुनकर परिवार के लोग दौड़ कर आए, लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी. आनन फानन में घटना की जानकारी पुलिस को दी गई. इसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने मौका मुआयना कर शव का पंचनामा कराया.
घटना के बाद मचा हड़कंप
पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजते हुए मामले की जांच शुरू कर दी है. पुलिस ने बताया कि यह घटना शनिवार सुबह 11 बजे की है. घटना स्थल पर मिले तथ्यों के मुताबिक भुनेश्वर ने मां काली को प्रसन्न करने के लिए खुद की बलि देने की कोशिश की है.परिजनों ने भी पुलिस को दिए बयान में बताया कि भुनेश्वर बलि की बात तो करता था, लेकिन किसी को उम्मीद नहीं थी कि वह इतना बड़ा कदम उठा सकेगा. इस घटना से परिवार के लोग तो हैरत में हैं ही, राजधानी रायपुर में भी हड़कंप मचा हुआ है.