मध्य प्रदेश में बीजेपी के जिलाध्यक्षों का ऐलान शुरू हो गया है, रविवार को 2 जिलाध्यक्षों की नियुक्ति के बाद सोमवार की रात में 18 और जिलाध्यक्षों की नियुक्ति कर दी गई. खास बात यह है कि पार्टी ने अब तक 20 में से 9 जिलों में जिलाध्यक्षों को रिपीट किया है, जबकि ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक नेता के लिए पार्टी ने नियम भी बदला है. राजधानी भोपाल के ग्रामीण और शहरी अध्यक्ष का भी ऐलान हो गया है. वहीं इस लिस्ट में सीनियर नेताओं की चलती देखने को मिली है, सीएम मोहन यादव, वीडी शर्मा और ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक नेताओं की पसंद को तरहीज मिली है. माना जा रहा है कि बीजेपी आज भी कुछ जिलाध्यक्षों के नाम का ऐलान कर सकती है.
शिवपुरी में ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक के लिए बदला नियम
बीजेपी के जिलाध्यक्षों के चयन में सबसे ज्यादा चर्चा शिवपुरी जिले की हो रही है, क्योंकि बीजेपी ने यहां सिंधिया समर्थक पूर्व विधायक जसमंत जाटव के लिए संविधान का उल्लंघन कर दिया. दरअसल, बीजेपी ने नियम है कि जिलाध्यक्ष उसे ही बनाया जा सकता है जो कम से कम 6 साल तक बीजेपी का प्राथमिक सदस्य रहा हो, लेकिन जसमंत जाटव 2020 में सिंधिया के साथ कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे, इस लिहाज से अभी उन्हें भाजपा में आए हुए चार साल ही हुए हैं, लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया गुना-शिवपुरी सीट से सांसद हैं, ऐसे में बीजेपी ने उनकी पसंद को ध्यान में रखते हुए जसवंत जाटव को अध्यक्ष बनाया है, 2023 के विधानसभा चुनाव में उनका टिकट कट गया था.
बीजेपी ने इन जिलों में रिपीट किए जिलाध्यक्ष
हरदा में राजेश वर्मा
बुरहानपुर में मनोज माने
मऊगंज में राजेंद्र मिश्रा
पन्ना में बृजेंद्र मिश्रा
मैहर में कमलेश सुहाने
अशोकनगर में आलोक तिवारी
छतरपुर में चंद्रभान सिंह गौतम
गुना में धर्मेंद्र सिकरवार
एमपी में सीनियर नेताओं की चली
मध्य प्रदेश में भाजपा ने अब तक जितने जिलाध्यक्षों के नाम की घोषणा की है, उसमें एक बात साफ नजर आई है कि पार्टी ने अपने सीनियर नेताओं की पसंद का पूरा ध्यान रखा है. उज्जैन में सीएम मोहन यादव की पसंद के दोनों जिलाध्यक्ष बने हैं, तो विदिशा में भी पूर्व सीएम की पसंद का ध्यान रखा गया है, इसके अलावा वर्तमान बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा की पसंद से ही छतरपुर और पन्ना जिले के अध्यक्ष तय हुए हैं, वहीं गुना, अशोकनगर और शिवपुरी में ज्योतिरादित्य सिंधिया की पसंद का पार्टी ने ध्यान रखा है. ऐसे में माना जा रहा है कि आने वाले नामों में पार्टी के दूसरे सभी सीनियर नेताओं के चेहरों को भी जगह मिल सकती है.