नई दिल्ली :बीजेपी ने रेखा गुप्ता को दिल्ली का मुख्यमंत्री चुन लिया है. तमाम अटकलों को दरकिनार करते हुए पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने उनपर भरोसा जताया है. सुबह से कई नाम हवा में तैर रहे थे, लेकिन भाजपा विधायक दल की बैठक में जब उनके नाम का ऐलान हुआ तो बहुत सारे लोग आश्चर्यचकित रह गए. हालांकि, बाद में सबने उन्हें बधाई दी. लेकिन सबके मन में एक ही सवाल होगा कि आखिर बीजेपी ने सीएम कैसे चुना? ‘बायोडाटा’ में क्या-क्या देखा? हम आपको इसके बारे में बताने जा रहे हैं.
कम उम्र
-बीजेपी नए चेहरों को मौका दे रही है. पार्टी के दिग्गजों को हटाकर कम उम्र के नेताओं को जिम्मेदारी सौंपी जा रही है. नए नेताओं को मौका मिल रहा है. गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ समेत जहां भी चुनाव हुए हैं, वहां यह देखने को मिला है. यही दिल्ली में भी हुआ.
करप्शन का दाग न हो
-BJP के किसी CM पर करप्शन का दाग नहीं, इस बार भी इसका खास ध्यान रखा गया. बीजेपी इस एनाउंसमेंट से पूरब से पश्चिम और उत्तर से दक्षिण तक एक मैसेज देना चाहती है. विपक्ष को संदेश भी है.-ऐसे नेता जिन्हें पद का लालच नहीं और जो जनता के सेवक की भावना की तरह काम करते हैं, उन्हें ढूंढकर बीजेपी सामने ला रही है. इससे नीचे के कार्यकर्ताओं में संदेश जाता है.
संगठन पर पकड़
-जिन नेताओं की आरएसएस और संगठन में पकड़ है, उन्हें मौका मिलता रहा है. ईमानदार और कर्मठी नेताओं को बीजेपी आगे बढ़ाने की लगातार कोशिश कर रही है. इस बार भी वही हुआ.-इसके उदाहरण राजस्थान के सीएम भजन लाल शर्मा, एमपी के मोहन यादव, ओडिशा के मोहन चरण माझी और छत्तीसगढ़ के सीएम विष्णुदेव साय हैं.
लोकप्रिय चेहरा
-बीजेपी के सीएम चुनने का तीसरा मानक देखा गया है कि लोकप्रिय चेहरा होना चाहिए. योगी आदित्यनाथ, देवेंद्र फडणवीस जैसे कई उदाहरण सामने हैं.-दिल्ली में कोई बड़ा चेहरा नहीं था, लेकिन साफ छवि और कार्यकर्ताओं के बीच पकड़ की वजह से इस बार नया सीएम चुनने में बीजेपी को आसानी हुई.
समर्पित कार्यकर्ता
पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह की जोड़ी फैसला लेते वक्त बीजेपी के समर्पित कार्यकर्ताओं तो बड़ा मौका देती रही है. नायब सैनी और पुष्कर सिंह धामी इसका उदाहरण हैं.
रेखा गुप्ता क्यों?
-रेखा गुप्ता शालीमार बाग से चुनाव जीतकर दिल्ली विधानसभा पहुंची हैं. हरियाणा के जींद में पैदा हुईं रेखा गुप्ता एलएलबी पासआउट हैं. उनकी पूरी पढ़ाई दिल्ली में हुई. वे ABVP यानी अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़ी रही हैं और वहीं से राजनीति में सक्रिय हुईं.-उनके नाम का अनाउंस होने की एक प्रमुख वजह वैश्व समुदाय से आना है. पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी इसी समुदाय से आते हैं. वैश्य समुदाय BJP का कोर वोटर भी है.रेखा गुप्ता को संगठन में काम करने का अच्छा खासा अनुभव है.