पूर्व गृहमंत्री और खुरई विधायक भूपेंद्र सिंह ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और मध्यप्रदेश के पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखकर अटेर विधानसभा क्षेत्र के विधायक हेमंत कटारे और उनके भाई योगेश कटारे के खिलाफ आपराधिक मामलों की निष्पक्ष जांच की मांग की है।
भूपेंद्र सिंह ने अपने पत्र में उल्लेख किया है कि हेमंत कटारे पर महिला पत्रकार से दुष्कर्म के प्रचलित प्रकरण में एफएसएल रिपोर्ट को धन-बल के जरिए सकारात्मक (पॉजिटिव) से नकारात्मक (नेगेटिव) में बदले जाने का आरोप है। उन्होंने इस रिपोर्ट को बदलने की गहन और निष्पक्ष जांच न्यायहित में कराए जाने की मांग की।
सिंह ने यह भी आरोप लगाया कि हेमंत कटारे के भाई योगेश कटारे, जो भोपाल के आईएसबीटी स्थित पेट्रोल पंप का संचालन करते हैं, उस पंप की आड़ में मादक पदार्थों जैसे अफीम, गांजा, और ब्राउन शुगर का अवैध व्यापार किया जा रहा है। उनके अनुसार, इस व्यापार का संरक्षण योगेश कटारे द्वारा किया जाता है, जिन पर 35 आपराधिक मामले दर्ज हैं।
शिकायती पत्र में भूपेंद्र सिंह ने मुख्यमंत्री से अपील की है कि एफएसएल रिपोर्ट में हुए कथित बदलाव की निष्पक्ष विवेचना और पेट्रोल पंप के जरिए मादक पदार्थों की तस्करी की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए। उन्होंने यह भी कहा कि इन गतिविधियों से न्याय और समाज को गंभीर नुकसान हो रहा है, जिसे रोकने के लिए सख्त कार्रवाई आवश्यक है।
इस पत्र के बाद इन मामलों पर सरकार और प्रशासन की प्रतिक्रिया पर सभी की नजरें टिकी हैं।
मैं भी करूंगा का खुलासा
भूपेंद्र सिंह ने कहा कि हेमंत कटारे स्वयं एक महिला पत्रकार के साथ बलात्कार करने के आरोपी रहे हैं, जिसमें एफएसएल जांच में बलात्कार को किस तरह पॉजिटिव से नेगेटिव कराया गया, यह कहानी भी मैं बताउंगा। उन्होंने कहा कि हेमंत कटारे का आईएसबीटी पर पेट्रोलपंप है, भोपाल में अनेक संपत्तियां हैं, यह कहां से आईं यह बताएं।
उन्होंने कहा कि इनके भाई योगेश कटारे पर 35 आपराधिक केस हैं। आईएसबीटी पेट्रोल पंप के पास जो झुग्गी-झोपड़ियां हैं, उनमें इनके भाई योगेश कटारे के संरक्षण में गांजा, अफीम, ब्राउन शुगर बेचने का काम होता हैं, जिसकी जांच के लिए मैं पुलिस को लिख रहा हूं। ये भिंड से चुनाव कैसे जीते यह भी सबको मालूम हैं। इनके भाई भोपाल से अपराधियों को भिंड ले जाकर बूथ कैपचरिंग करके चुनाव जीते हैं।
गौरतलब है कि सौरभ शर्मा पहले परिवहन विभाग में कॉन्स्टेबल था। उसके ठिकानों पर छापेमारी के बाद करोड़ों की संपत्ति का खुलासा हुआ है। इसके बाद से अलग-अलग एजेंसियां जांच कर रही है। साथ ही आरोप प्रत्यारोप का दौर भी चल रहा है।